भारत के भौगोलिक संकेतक एग्जाम से सम्बंधित

विभिन्न प्रतियोगिता में भौगोलिक संकेतक से Questions जरूर पूछता है

भारत के भौगोलिक संकेतक के सभी महत्वपूर्ण पॉइंट । Important GI Tags Point

 

 

  • परिचय  :

    • जी आई टैग एक तरह का लेबल या विशेष पहचान है जो किसी खास वस्तु विशेष को या किसी प्रोडक्ट को भौगोलिक पहचान देता है ।
    • यह किसी उत्पाद की विशिष्ठ  भौगोलिक उत्पति , विशेष गुणवत्ता और पहचान के आधार पर दिया जाता है ।
    •  Full Form of GI Tag In Hindi – ( Geographical Indication Tag ) भौगोलिक संकेतक है ।
    • जी आई टैग के साथ पंजीकृत हो जाने पर किसी उत्पाद को एक प्रीमियम ( अलग ) पहचान के रूप में जाना जाता है ।

 

  • GI Tag का स्लोगन क्या है ।  Slogan of  GI Tag :
    • अतुल्य भारत की अमूल्य निधि  ( Invaluable Treaseures of Incredible India ).

 

 

  • GI Tag की मान्यता कितनी दिनों तक रहता है :
    • जी आई टैग की मान्यता 10 वर्षों के लिए दिया जाता है और बाद में इसका नवीनीकरण  किया जा सकता है ।

 

 

जी आई टैग कौन प्रदान करता है

  • जी आई टैग का मुख्यालय :

    • किसी भी उत्पाद के लिए Controller General of Patents Design and Trade Mark ( CGPDTM) के ऑफिस में अप्लाई करना होता है ।
    • टैग  वाणिजय और उद्योग मंत्रालय देता है ।
    • इसका मुख्यालय चेन्नई में है जो वाणिज्य मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री प्रोमोशन एंड इंटरनल ट्रेड के अधीन आता है।
    • वर्त्तमान में वाणिजय और उद्योग मंत्री  –  पियूष गोयल है।
  • ये संस्था जी आई टैग देता कैसे है:
    • ये संस्था सबसे पहले तो ये आपकी प्रोडक्ट की जांच – परख करते हैं की आपकी प्रोडक्ट ओरिजिनल है की नहीं है ।
    • उस प्रोडक्ट की उत्पाद या निर्माण उसी पर्टिकुलर ( खास ) क्षेत्र में हुआ है या नहीं ।
    • ये सारी जाँच पड़ताल करने के बाद GI Tag दिया जाता है ।

 

  • GI Tag किन – किन उत्पादों के लिए दिया जाता है :

    • उत्पाद :
      • खाद्य सामग्री । Food Stuff.
      • कृषि उत्पाद । Agriculture Product.
      • हस्तशिल्प । Handicraft.
      • निर्माण उत्पाद । Manufacturing Product.

 

जी आई टैग अधिनियम  ( GI Tag Act )

  • कानून :
    • भारतीय संसद ने जी आई टैग को क़ानूनी रूप से कार्यान्वित करने के लिए GI Tag Act लागु किया गया ।
    • अद्वितीय वस्तुओं के लिए GI के पंजीकरण प्रदान करने और उन्हें बेहतर सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से दिसंबर 1999 में एक्ट को लाया गया ।
  • अधिनियम :
    • भारत की संसद द्वारा भौगोलिक संकेतक ( पंजीकरण और सुरक्षा  ) अधिनियम , 1999  पारित किया गया था ।

 

 

  • कब लागु हुआ :
    • यह अधिनियम 15 सितम्बर 2003 को लागु हुआ ।
    • भारत का पहला GI Tag दार्जिलिंग की चाय को 2004 में दिया गया था ।

 

 

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर GI Tag के क्या प्रवधान है

  • पहला :
    • इसमें जो भी सदस्य देश हैं उनके मध्य समझौता है की वे एक – दूसरे के जी आई टैग का सम्मान करेंगे ।
    • इसे TRIPS एग्रीमेंट कहते हैं जो WTO का है ।
    • TRIPS का फुल फॉर्म  – Trade Related Aspects of Intellectual Property Rights .

 

  • दूसरा :
    • लिस्बन एग्रीमेंट के तहत अंतरास्ट्रीय स्तर पर जी आई टैग से संबंधित विवादों का निपटारा किया जाता है ।
  • ये एग्रीमेंट क्यों लाया गया :
    • इसलिए ये एग्रीमेंट लाया गया है क्योंकि एक प्रोडक्ट के लिए दो देश या दो राज्य आपस में लड़ाई करतें हैं , इस एग्रीमेंट के तहत दोनों को भी दिया जा सकता है ।

 

जी आई टैग के फायदे ( Benifit of GI Tag )

  • किसी उत्पाद को GI Tag मिलने पर कोई भी व्यक्ति या कंपनी इसी तरह के सामग्री को उसी नाम से नहीं बेच सकता है ।
  • इससे वस्तुओं की बिक्री और निर्यात बढ़ जाता है ।
  • कृषकों को फायदा मिलता है ।
  • पर्यटन को बढ़ावा मिलता है उस क्षेत्र में ।

 

जी आई टैग लिस्ट  ( GI Tag List in hindi )

  • State Wise :
1. पश्चिम बंगाल :

  • सुंदरवन शहद
  • मिहिदाना मिठाई
2. हिमाचल प्रदेश

  • चुली का तेल
  • चंबा चप्पल
3. असम

  • जुड़ीमा वाईन / शराब
  • तेजपुर लीची
  • गमच्छा ( सांस्कृतिक या धार्मिक उपयोग में किया जाता है )
4. ओडिशा

  • कंधमाल हल्दी
  • ओडिशा रसगुल्ला
  • अराकू वैली कॉफी
5. बिहार

  • मिथिला मखाना
  • सिलाव खाजा
  • मधुबन पेंटिंग
  • जर्दालु आम
  • कतरनी चावल
  • शाही लीची

Note :- मिथिला मखाना को हाल ही में मिला है जी आई टैग ।

6.तमिलनाडु

  • नरसिंग पट्टेई नागस्वरम  ( वाद्ययंत्र )
  • कोविलपट्टी कदलाई मिठाई ( मूंगफली कैंडी )
  • पलानी पंचामीर्थम
  • कन्या कुमारी लॉन्ग
  • करुप्पुर पेंटिंग
  • कलाकुरिची वुड नक्काशी
  • डिंडी गुल ताले
  • तिरूभुवनं साड़ी
  • श्रीविलपुथुर पाल्कोवा  ( दूध मिठाई ) 
  • रोड़ हल्दी
  • कदांगी साड़ी
7. महाराष्ट्र

  • सांगली हल्दी
  • हापुस आम
  • वड़ा कोलम चावल
  • सफेद प्याज
  • कोल्हपुरी चावल
8. तेलंगाना

  • तोलिया रुमाल
  • आदिलाबाद द्रोका ( घंटी धातु शिल्प )
  • तंदूर रेड ग्राम ( दालहानी बीज )
9. कर्नाटक

  • कोल्हपुरी चावल
  • सिरसी सुपारी
  • गुलबर्गा तुर दाल
  • कुर्ग / चिकमगलूर अरेबिका कॉफी
  • बाबाबुद नगरी अरेबिका कॉफी
10. अरुणाचल प्रदेश

  • इदु मिश्मी कपड़ा
11. केरल

  • एड्यूर मिर्च / कट्टीकट्टु आम 
  • तिरूर पैन का पत्ता
  • मयूर गुड़
  • वायनाड रोबस्टा कॉफी
  • अट्टापड़ी थुवारा चना
  • ओनाटुकारा एलू ( तिलहन )
12. मणिपुर

  • हाथी मिर्च
  • सिरारखोंग
  • तमेंगलोंग
  • काले चावल ( चाक – हाओ )
13.आंध्रप्रदेश

  • अराकू वैली अरेबिका कॉफी
14. राजस्थान

  • सोजत मेंहदी
15. मिजोरम

  • तवलोह पुआन
  • पनडुम
  • न्गोतेखेह शॉल
16. छत्तीसगढ़

  • जीराफूल चावल
17. गोवा

  • हरमल  मिर्च
  • खाजो ( मिठाई )
  • मिण्डोली केला
18. गुजरात

  • पेथापुर ब्लॉक प्रिंटिंग
19. जम्मू – कश्मीर

  • विलो क्रिकेट बैट
  • गुच्छी मशरूम
20. सिक्किम

  • डलेखुर्सीनी
21. नागालैंड

  • नागा खीरा
22. मध्यप्रेदश

  • कड़कनाथ मुर्गा
23. लद्दाख

  • रक्तेस कार्पो खुबानी ( फल )

और पढ़ने के लिए :
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