Varn Kise Kahate hain (वर्ण किसे कहते हैं) Varn Vichar in Hindi, वर्ण के भेद, वर्णों का उच्चारण स्थान, वर्ण की परिभाषा (Varn Ki Paribhasha), Varn Ki Paribhasha in Hindi.
दोस्तों, आज हम वर्ण या वर्ण विचार किसे कहते हैं ? इनके वर्ण के भेद कितने हैं ? हम इनका भेद के साथ-साथ उदाहरण भी देखेंगे। जिससे की हमारा Concept भी साथ में Clear होता जाये। हम इनके वर्ण के भेद के भेद भी देखेंगे। और इन वर्ण का उच्चारण कहाँ-कहाँ से होता है ? ये जानने की कोशिश करेंगे । हम वर्ण का उच्चारण के चित्र सहित देखेंगे। जिससे हम वर्ण के उच्चारण का लम्बे समय तक याद रख सकें। आपको पता होगा की अभी सभी Exam में वर्ण या वर्ण विचार से सम्बंधित सवाल (MCQ) परीक्षा में आते हैं। जानने के लिए पूरी पढ़ें ।
वर्ण विचार किसे कहते हैं | Varn kise kahate hain
परिभाषा : वर्ण विचार व्याकरण का वह विभाग या वह स्थान है जहाँ अक्षरों या वर्णों के उच्चारण, भेद, आकर तथा उनसे मिलकर शब्द बनाने के नियमों का उल्लेख हो ।
वर्ण – इस वर्ण को अक्षर भी कहा जाता है ।
भाषा की मूल ध्वनि सबसे छोटी इकाई और मूल ध्वनि के प्रतीक स्वरूप अंकित चिन्हों को वर्ण कहा जाता है। वर्णों की पहचान या जानने के लिए चिह्न बनाये गए हैं। इसके उदाहरण निचे में दिए हैं ।
वर्ण विचार के उदाहरण
ये रहा वर्ण विचार के उदाहरण: आ, अ, प, क, च, ट, त आदि। यहाँ पर आपने वर्ण या वर्ण विचार के उदाहरण देखा। अब इसके निर्माण को देखते हैं।
वर्णमाला किसे कहते हैं (Hindi varnamala)
अगर आपने वर्ण के बारे में ऊपर अच्छे से पढ़ा है तो वर्णमाला को समझने में कोई दिक्कत नहीं होगी ।
वर्णमाला की परिभाषा: स्वर और व्यंजनों के वर्णों के समुदाय (इक्क्ठा) को ही वर्णमाला कहते हैं । हिंदी में देवनागरी लिपि के 52 वर्ण हैं। इन बावन वर्णों के समूह को ही वर्णमाला कहते हैं।
वर्ण विचार के भेद
वर्ण के दो भेद हैं :
- स्वर वर्ण
- व्यंजन वर्ण
1. स्वर वर्ण किसे कहते हैं (Swar varn kise kahate hain)
परिभाषा: जो अक्षर बिना किसी दूसरे अक्षर की सहायता के स्वयं अपने से बोले जाते हैं, उन्हें स्वर वर्ण कहतें हैं।
अलग-अलग स्वर वर्णों के उच्चारण में डिफरेंट-डिफरेंट समय लगता है। कुछ स्वर का उच्चारण कम समय में होता है, तो वहीं कुछ स्वर के उच्चारण में लम्बा समय लगता है।
स्वर वर्णो की संख्या 13 है : अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अ: ।
स्वर वर्ण के उदाहरण
ये स्वर वर्ण के उदाहरण है:
1.〉 स्वर वर्ण : अ
-
-
- अमित
- अमरेश
- अच्छा
- अवश्य
- अलग
- अंग आदि ।
-
2.〉 स्वर वर्ण : आ
-
-
- आज
- आग
- आलस्य
- आँख
- आकाश
- आटा आदि ।
-
3.〉 स्वर वर्ण : इ
-
-
- इमली
- इंक
- इज्जत
- इंसान
- इलाज
- इंकलाब आदि ।
-
4.〉 स्वर वर्ण : ई
-
-
- ईमारत
- ईमानदार
- ईंधन
- ईश्वर आदि ।
-
5.〉 स्वर वर्ण : उ
-
-
- उधर
- उतर
- उषा
- उमा
- उल्लू
- ऊंट
- उल्टा
- उत्साह आदि ।
-
6.〉 स्वर वर्ण : ऊ
-
-
- ऊपर
- ऊँचा
- ऊतक
- ऊन आदि ।
-
7.〉 स्वर वर्ण : ऋ
-
-
- ऋतू
- ऋषि
-
8.〉 स्वर वर्ण : ए
-
-
- एड़ी
- एकांत
- एकता
- एकाग्रता
- एडिसन आदि ।
-
9.〉 स्वर वर्ण : ऐ
-
-
- ऐश्वर्य
- ऐसे
- ऐतिहासिक
- ऐंठना आदि ।
-
10.〉 स्वर वर्ण : ओ
-
-
- ओम
- ओला
- ओर आदि ।
-
11.〉 स्वर वर्ण : औ
-
-
- औरत
- औरंगजेब
- औद्योगिक
- औषधि आदि ।
-
12.〉 स्वर वर्ण : अं
-
-
- अंग
- अंश
- अंडा आदि ।
-
13.〉 स्वर वर्ण : अ: ।
इससे शब्द नहीं बनाये जा सकते हैं लेकिन स्वर का उपयोग करके बनाये जाते हैं । जैसे- अहंकार ।
स्वर वर्ण के कितने भेद होते हैं
उच्चारण के विचार से स्वर के तीन भेद हैं :
- ह्नस्व स्वर
- दीर्घ स्वर
- प्लुत स्वर
(i) ह्नस्व स्वर किसे कहते हैं
जिस स्वरों के उच्चारण में मात्रा थोड़ा सा समय लगे या जिनका उच्चारण छोटा हो, उन्हें ह्नस्व स्वर कहते हैं।
जैसे : अ, इ, उ आदि।
ह्नस्व स्वर के उदाहरण
- उत्तर
- संज्ञा
- उपयोग
- शब्द
- पद
- लिंग
- कल
- राम आदि ।
(ii) दीर्घ स्वर किसे कहते हैं
जिस स्वरों के उच्चारण में थोड़ा सा लम्बा समय लगता है, उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। दीर्घ स्वरों का उच्चारण ह्नस्व की अपेक्षा लम्बा और ऊँचा होता है।
जैसे : आ, ई, ऊ आदि।
दीर्घ स्वर के उदाहरण
- आयाम
- एकाग्रता
- आकाश
- आबादी
- वीडियो
- बड़ा आदमी
- चलती का नाम गाडी
- आकाश में तारे टिमटिमाते हैं ।
(iii) प्लुत स्वर किसे कहते हैं
जिस स्वर के उच्चारण में तीन मात्राओं का समय लगे, उसे प्लुत स्वर कहा जाता है। इसका व्यवहार प्रायः पुकारने या चिल्लाने में होता है।
प्लुत स्वर के उदाहरण
उदाहरण है: हे प्रभु !, हे राम ।
संयुक्त स्वर – कुछ स्वर दो स्वर वर्णों के मिलने से बने हैं, इन्हें संयुक्त स्वर कहा जाता है।
उदाहरण:
- अ + इ = ए
- अ + उ = ओ
- अ + ए = ऐ
- अ + औ = औ
- अ + · = अं
- अ + : = अ:
2. व्यंजन वर्ण किसे कहते हैं (Vyanjan varn kise kahate hain)
जो अक्षर स्वर की सहायता से बोले जाते हैं, उन्हें व्यंजन वर्ण कहा जाता है। सभी व्यंजन वर्ण स्वर वर्ण की सहायता से बोले जाते हैं। स्वर में मात्रा होती है। अतः स्वर एक मात्रा के रूप में व्यंजन से मिलता है। स्वर की मात्रा के चिह्न अलग-अलग हैं। यहाँ निचे स्वर की मात्रा के अलग-अलग रूप में लिखें हैं :
स्वर | मात्रा का नया रूप | ” म् ” में मात्रा |
अ | – | म |
आ | ा | मा |
इ | ि | मि |
ई | ी | मी |
उ | ु | मु |
ऊ | ू | मू |
ऋ | ऋ | मृ |
ए | े | मे |
ऐ | ै | मै |
ओ | ो | मो |
औ | ौ | मौ |
अं | · | मं |
अ: | : | म: |
ये स्वर ही जिसको हम आकर, हरषिकार, दीर्घिकार, हर्शुकार, दुर्घूकर, रिकार, ऐकर, आयकर आदि बोलते हैं। यही वाला स्वर व्यंजन (Consonant) के साथ मिलकर दूसरे शब्द बनाते हैं।
व्यंजन वर्ण को सात समूह ( वर्गों ) में बांटा गया है। ये इस प्रकार से हैं :
- क वर्ग → इस वर्ग में क, ख, ग, घ, ड· को रखा गया है।
- च वर्ग → इस वर्ग में च, छ, ज, झ, ञ ।
- ट वर्ग → इस वर्ग में ट, ठ, ड, ढ, ण है।
- त वर्ग → इस वर्ग में त, थ, द, ध, न है।
- प वर्ग → इस वर्ग में प, फ, ब, भ, म है।
- अंत: स्थ वर्ण → य, र, ल, व ।
- उष्ण वर्ण → श, ष, स, ह ।
व्यंजन वर्ण के उदाहरण
उदाहरण है: क, च, त, प, ब, य, ह आदि।
कभी-कभी व्यंजन भी बिना स्वर की सहायता के बोले जाते हैं। इस तरह के व्यंजन को ” हल् ” कहा जाता है। उदाहरण: म् , प् , ल् , त् , द् । वर्ण के उच्चारण में हवा का प्रवाह के आधार पर व्यंजन को फिर दो भागों में बांटा गया है। निचे में दिए हैं:
व्यंजन वर्ण के भेद
व्यंजन के दो भेद हैं:
- अल्पप्राण
- महाप्राण
(i) अल्पप्राण किसे कहते हैं (Alppran kise kahate hain)
आप अल्पप्राण को बड़ी ही आसानी के साथ पहचान सकते हैं । यदि आप इनके परिभाष को समझ गए तो ।
परिभाष: जिन व्यंजनों के उच्चारण में “हकार” की ध्वनि नहीं निकलती है, उन्हें अल्पप्राण कहा जाता है। क वर्ग से प वर्ग तक के प्रत्येक वर्ग का पहला, तीसरा और पांचवें वर्ण अल्पप्राण होता है।
जैसे: क, ग, ड·, च, ज, ञ आदि ।
यदि आप इनके वर्ग को भूल रहे हैं तो एक बारे स्क्रॉल करके देख लें । नहीं तो आपको समझ में नहीं आएगा ।
अगर आप किसी भी सब्द से अल्पप्राण को निकलना रहे तो हमेशा इनकी साउंड हकार पर ध्यान देना चाहिए ।
अल्पप्राण के उदाहरण
- आज
- अब
- अक्षर
- उपयोग
- उपसर्ग
- आभासी
- इंटरनेट
- आदमी
- ईमानदार आदि ।
यहाँ ध्यान दें की कोई भी शब्द में हकार की साउंड नहीं निकलती है । अगर क्लियर नहीं हुआ तो निचे वाला पढ़ें और अपनी कॉन्सेप्ट को क्लियर करें ।
(ii) महाप्राण किसे कहते हैं (Mahapran kise kahate hain)
जिन वर्णों के उच्चारण में “हकार” की ध्वनि निकलती है, उन्हें महाप्राण कहा जाता है। प्रत्येक वर्ग का दूसरा और चौथा वर्ण महाप्राण होता है।
जैसे : ख, घ, छ, झ, ठ, ढ, थ, ध आदि।
महाप्राण के उदाहरण
- भारत
- स्वाथ्य
- सफलता
- साधु
- सुख
- शाकाहारी आदि
यहां पर अपने गौर किया या नहीं जब हम भारत बोलते हैं तो हमारे मुँह से (भा + ह + रत) की वायु निकलती है । यानी की हकार की साउंड निकलती है । पहचानने का यही स्टिक तरीका है ।
वर्णों का उच्चारण स्थान (Ucharan sthan)
जब भी हम स्वर और व्यंजनों को बोलते हैं तो उससे ध्वनि निकलती है। स्वरों और व्यंजनों के ये ध्वनि अलग-अलग होती है। और इनके आवाज अलग-अलग निकलने का कारण है इनके स्थान का भिन्न-भिन्न होना। ये स्वर और व्यंजन मुँह के जिस भाग से बोला जाता है, उसे वर्णों का उच्चारण कहते हैं।
वर्णों का उच्चारण |
कण्ठ्य | अ, आ, क, ख , ग, घ, ड·, ह और विसर्ग | कंठ से |
तालव्य | इ, ई, च, छ, ज, झ, ञ, य, श | तालु से |
मूर्धन्य | ऋ, ट, ठ, ड, ढ, ण, ष | मूर्धा से |
दन्त्य | लृ, त, थ, द, ध, न, ल, स | दन्त से |
ओष्ठ्य | उ, ऊ, प, फ, ब, भ, म | होंठ से |
कंठतालव्य | ए, ऐ | कंठ + तालु से |
कंठोष्ठ्य | ओ, औ | कंठ + होंठ से |
दन्तोष्ठ्य | व | दन्त + होंठ से |
अनुनासिक | ड·, ण, न, म | नासिक से |
वर्णों का उच्चारण स्थान
स्वर और व्यंजन को मुँह के जिस भाग से बोला जाता है या उच्चारण किया जाता है, उसे वर्णो का उच्चारण स्थान कहते हैं। यहाँ निचे में आपको चित्र की सहायता से दिखाया गया है:
वर्णों के उच्चारण स्थान का चित्र
वर्णो का सही उच्चारण किस स्थान से होता है ये समझने के लिए हमें चित्र की आवश्यकता पड़ती है । प्रतियोगिता परीक्षा में सवाल को हल करने के लिए आपको वर्ण का मुख्य उच्चारण स्थान का ज्ञान होना बहुत जरुरी है ताकि परीक्षा में सही उत्तर दे सकें ।
इसलिए कोशिश करें वर्णों के उच्चारण स्थान का चित्र को ध्यान में रखना की प्रयास करें ।
Conclusion
इस लेख में हमने वर्णों के बारे में विस्तार से जाना की Varn Kise Kahate Hain (वर्ण किसे कहते हैं) । वर्ण के भेद क्या है ? और साथ में इनके उदाहरण भी देखें । यदि आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो यह आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है ।
अगर आपने अच्छे से नहीं देखा है तो पुनः ध्यान से देख लें । चूँकि वर्ण विचार से अब आपके प्रतियोगिता परीक्षा में 1 से 2 सवाल पूछे जाते हैं । इसलिए आपको वर्ण को जानना बहुत जरुरी हो गया है, खास कर से वर्णो के उच्चारण स्थान का चित्र को दिमाग में बैठा लें ।
FAQs
हिंदी में कुल कितने वर्ण होते हैं ?
उत्तर – हिंदी में कुल 52 वर्ण है ।
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