प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान – भौतिक, रसायन एवं जीव विज्ञान

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान एक बहुत महत्त्वपूर्ण विषय है । इसमें भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान से बेसिक प्रश्न पूछा जाता है । इस लेख में उन सभी महत्त्वपूर्ण बिंदु को देखेंगे जो प्रतियोगिता परीक्षा में अक्सर पूछा जाता है । अगर आपका सिलेबस में सामान्य विज्ञान विषय है, तो एग्जाम हॉल में घुसने से पहले सरसरी नजरों से एक बार जरूर देख लें ।

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान

Table of Contents

भौतिक विज्ञान

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के इस सेक्शन से सबसे ज्यादा सवाल इनके मापन, मात्रक, सदिश राशि एवं अदिश राशि आदि से अक्सर सवाल पूछा जाता है ।

 

सदिश एवं अदिश राशियां

भौतिक राशियाँ – भौतिक राशियाँ 2 प्रकार के होते हैं ।

  • अदिश राशि – इसमें केवल परिमाण होता है ।
  • सदिश राशि – इसमें परिमाण के साथ दिशा भी होती है ।

अदिश राशि – द्रव्यमान, घनत्व, तापमान, समय, विद्युत धारा, चाल, आयतन एवं कार्य आदि ।

सदिश राशि – वेग, विस्थापन, बल, रेखीय संवेग, कोणीय विस्थापन, कोणीय वेग, त्वरण, बल आघूर्ण, चुंबकीय क्षेत्र प्रेरण, चुंबकीय क्षेत्र तीव्रता, चुंबकीय आघूर्ण, विद्युत धारा घनत्व, विद्युत ध्रुव आघूर्ण, विद्युत ध्रुवण, चाल प्रवणता, ताप प्रवणता आदि ।

 

भौतिक राशियां एवं उनके SI मात्रक

भौतिक राशि SI मात्रक संकेत / प्रतीक
लम्बाई (Length) मीटर (Metre) m
द्रव्यमान (Mass) किलोग्राम (Kilogram) kg
समय (Time) सेकंड (Second) s
विद्युत धरा (Electric Current) ऐम्पियर (Ampere) A
ताप (Temperature) केल्विन (Kelvin) K
ज्योति-तीव्रता (Luminous Intensity) कैंडेला (Candela) cd
पदार्थ की मात्रा (Amount of Substance) मोल (Mole) mol

 

सम्पूरक मात्रक (Supplementary Units)

समतल कोण (Plane Angles) रेडियन (Radian) rad
ठोसिय कोण (Solid Angles) स्टेरेडियन (Steradian) sr

 

कुछ प्रमुख व्युत्पन्न मात्रक (Derived Units)

भौतिक राशि SI मात्रक राशि की परिभाषा
क्षेत्रफल (Aera) m2 (वर्ग मीटर) Lenght Square
आयतन (Volume) m3 (घन मीटर) Length Cube
घनत्व (Density) kg/m3 ⇒ kg.m-3 Mass per Unit Volume
बल (Force) kg.m/s2 ⇒ kg.ms-2 = N Mass×Acceleration
चाल (Speed) m/s ⇒ m.s-1 Distance Travelled Per Unit Time
वेग (Velocity) m/s ⇒ m.s-1 Displacement Per Unit Time
त्वरण (Acceleration) m/s2 ⇒ m.s-2 Change in Velocity per Unit Time
संवेग (Momentum) kg.m/s ⇒ kg.m.s-1 Mass × Velocity
आवेग (Impulse) N.s ( न्यूटन-सेकंड) Force × Time interval
दाब (Pressure) N/m2 ⇒ N.m-2 = pa (पास्कल) Force per Unit Aera
कार्य, ऊर्जा (Work, Energy) N.m = जूल Force × Distance
शक्ति (Power) J/s = वाट Work Done/ Time Taken

 

कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण मात्रक

  • राशि — मात्रक
  • आवृति – हर्ट्ज
  • पृष्ठ तनाव – न्यूटन / मीटर
  • विद्युत आवेश – कूलॉम
  • विभवांतर – वोल्ट
  • विद्युत धारिता – फैराडे
  • चुंबकीय फ्लक्स – वेबर
  • ज्योति फ्लक्स – ल्यूमेन
  • प्रदीप्ति घनत्व – लक्स
  • प्रकाश तरंगदैधर्य – ऐंग्स्ट्रॉम
  • प्रकाशीय दूरी – प्रकाश वर्ष

 

10 के विभिन्न घातों के प्रतीक

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के इस भाग से प्रश्न बढ़ते क्रम या घटते क्रम में पूछता है । या फिर सबसे बड़ा या सबसे छोटा कौन सा है ? आपको बताना होता है ।

दस के घात नाम प्रतीक दस के घात नाम प्रतीक
1018 एक्सा (Exa) E 10-1 डेसी (Deci) d
1015 पेटा (Peta) P 10-2 सेंटी (Centi) c
1012 टेरा (Tera) T 10-3 मिली (Milli) m
109 गीगा (Giga) G 10-6 माइक्रो (Micro) μ
106 मेगा (Mega) M 10-9 नैनो (Nano) n
103 किलो (Kilo) k 10-12 पिको (Piko) p
102 हेक्टो (Hecto) h 10-15 फेम्टो / फर्मी (Femto / Fermi) f
101 डेका (Deca) da 10-18 एटो (Atto) a

 

विभिन्न माध्यमों में प्रकाश की चाल

माध्यम प्रकाश की चाल (m/s)
निर्वात 3 × 108
कांच 2 × 108
तारपीन तेल 2.04 × 108
जल 2.25 × 108
रॉक साल्ट 1.96 × 108
नाइलोन 1.96 × 108

 

वस्तु की विभिन्न स्थितियों पर अवतल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब का बनना

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के इस भौतिक सेक्शन से तभी प्रश्न पूछा जाता है, जब प्रश्न को मुश्किल बनाना हो ।

वस्तु की स्थिति प्रतिबिम्ब प्रतिबिम्ब की प्रकृति एवं आकार
अनंत पर मुख्य फोकस (F) पर या फोकस ताल में वास्तविक, उल्टा व बहुत छोटा
अनंत तथा वक्रता केंद्र के बीच फोकस (F) तथा वक्रता केंद्र (C) के बीच वास्तविक, उल्टा व छोटा
वक्रता केंद्र पर वक्रता केंद्र (C) पर वास्तविक, उल्टा व वस्तु के बराबर
फोकस व वक्रता केंद्र के बीच वक्रता केंद्र (C) से पीछे वास्तविक, उल्टा व वस्तु से बड़ा
फोकस पर या फोकस तल में अनंत पर वास्तविक, उल्टा व अधिक आवर्धित
ध्रुव व फोकस के बीच दर्पण के पीछे अनंत तथा ध्रुव के बीच आभासी, सीधा व आवर्धित

 

वस्तु की विभिन्न स्थितियों पर उत्तल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब का बनना

उत्तल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब कैसे होगा? यदि वस्तु को अनंत पर रखा जाए, तो प्रतिबिम्ब कहाँ पर होगा ? और उसकी प्रकृति कैसे होगी ?

वस्तु की स्थिति प्रतिबिम्ब प्रतिबिम्ब की प्रकृति एवं आकार
अनंत पर मुख्य फोकस (F) पर आभासी, सीधा तथा वस्तु से बहुत छोटा
अनंत तथा ध्रुव के बीच ध्रुव (P) व फोकस (F) के बीच आभासी, सीधा तथा वस्तु से छोटा

 

वस्तु की विभिन्न स्थितियों पर उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिम्ब का बनना

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के इस भाग से उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिम्ब का आकार या प्रकृति पूछा जाता है । घुमा कर भी पूछ सकता है, बस आपको इसको देखते रहना पड़ेगा तभी इसका उत्तर दे सकते हैं । उदहारण के लिए —

प्रश्न: एक वास्तु को 2F1 पर रखा जाता है उत्तल लेंस का प्रतिबिम्ब बनेगा? उत्तर- 2F2 पर । निचे में देखें ।

वस्तु की स्थिति प्रतिबिम्ब
आकार प्रकृति
अनंत पर F2 पर अत्यधिक छोटा बिंदु आकार वास्तविक व छोटा
2F1 के पीछे F2 व 2F2 के बीच छोटा आकार वास्तविक व उल्टा
2F1 पर 2F2 पर समान आकार वास्तविक व उल्टा
F1 व 2F1 के बीच 2F2 के पीछे आवर्धित वास्तविक व उल्टा
F1 पर अनंत पर उच्च आवर्धित वास्तविक व उल्टा
लेंस व F1 के बीच लेंस की दिशा में बड़ा आवर्धित आभासी व सीधा

 

वस्तु की विभिन्न स्थितयों पर अवतल लेंस द्वारा प्रतिबिम्ब का बनना

वस्तु की स्थिति प्रतिबिम्ब आकार प्रकृति
अनंत पर फोकस (F) पर अत्यधिक ऊँचा आभासी तथा सीधा
अनंत दुरी पर फोकस (F) व प्रकाशित केंद्र (O) के बीच अत्यधिक छोटा आभासी तथा सीधा, वस्तु से छोटा

 

विद्युत चुंबकीय तरंगे

नाम खोजकर्ता उपयोग
गामा किरणें बैकुरल इसकी भेदन क्षमता अत्यधिक होती है, इसका उपयोग नाभकीय अभिक्रिया तथा कृत्रिम रेडियो धर्मिता में किया जाता है ।
एक्स किरणें रोन्टजेन चिकित्सा एवं औद्योगिक क्षेत्र में इसका उपयोग किया जाता है ।
पराबैंगनी किरणें रिटर सिकाई करने, प्रकाश वैद्युत प्रभाव को उत्पन्न करने, बैक्ट्रिया को नष्ट करने में किया जाता है ।
दृश्य किरणें न्यूटन इससे हमें वस्तुएं दिखाई पड़ती है ।
अवरक्त किरणें हरर्शेल ये किरणें उष्मीय विकिरण है । ये जिस वस्तु पर पड़ती है, उसका ताप बढ़ जाता है । इसका उपयोग कुहरे में फोटोग्राफी करने एवं रोगियों की सिकाई करने में किया जाता है ।
लघु रेडियो तरंगे या हर्टजियन तरंगे हेनरिक हर्ट्ज
रेडियो, टेलीविजन एवं टेलीफोन में इसका उपयोग होता है ।
दीर्घ रेडियो तरंगे मार्कोनी
रेडियो एवं टेलीविजन में उपयोग होता है ।

 

वैज्ञानिक यंत्र एवं उनके उपयोग

  1. सिस्मोग्राफ — भूकंप के झटकों का पता लगता है ।
  2. स्पीडोमीटर — इससे मोटरगाड़ी की गति मापी जाती है ।
  3. अल्टीमीटर — उड़ते विमान की ऊंचाई ज्ञात किया जाता है ।
  4. रडार — रेडियो तरंगों द्वारा पास आते हुए वायुयान की दिशा और दूरी को ज्ञात करने में किया जाता है ।
  5. एनीमोमीटर — इससे वायु के वेग तथा गति को मापा जाता है । यह वायु की दिशा भी बताता है ।
  6. ऑडियोमीटर – यह ध्वनि की तीव्रता को मापता है ।
  7. एयरोमीटर – यह वायु और गैसों के घनत्व को मापने वाला यंत्र है ।
  8. ऑडियोमीटर – इसे लोग सुनने में सहायता के लिए कण में लगते हैं । इसे सुनने के मशीन भी कहते हैं ।
  9. बैरोमीटर – यह उपकरण वायुदाब मापने के काम आता है ।
  10. कैलीपर्स – इसके द्वारा बेलनाकार वस्तुओं के अंदर तथा बाहर के व्यास मापे जाते हैं ।
  11. कैलोरीमीटर – यह उपकरण तांबें का बना होता है और ऊष्मा की मात्रा ज्ञात करने के काम आता है ।
  12. सिनेमोटोग्राफी – छोटी-छोटी फिल्मों को बड़ा करके परदे पर लगाकर क्रम में प्रोजेक्ट करने में प्रयोग किया जाता है ।
  13. फैदोमीटर – यंत्र समुद्र की गहराई नापने के काम आता है ।
  14. गाइरोस्कोप – इस यंत्र से घूमती हुई वस्तुओं की गति ज्ञात करते हैं ।
  15. हाइड्रोमीटर – इस उपकरण के द्वारा द्रवों का अपेक्षित घनत्व ज्ञात करते हैं ।
  16. हाइग्रोस्कोप – यह वायुमंडल आर्द्रता में परिवर्तन दिखाने वाला यंत्र है ।
  17. लैक्टोमीटर – दूध की शुद्धता जाँच करने का यंत्र ।
  18. माइक्रोफोन – यह यंत्र ध्वनि तरंगों को विद्युत स्पंदनों में परिवर्तित करता है ।
  19. ओडोमीटर – यह मोटर गाड़ी द्वारा तय की गई दूरी को ज्ञात किया जाता है । इसे पथमापी भी कहते हैं ।
  20. ट्रांसफॉर्मर – इसके द्वारा कम या अधिक वोल्टेज की AC को अधिक या कम वोल्टेज की AC में बदला जाता है ।
  21. वेंचुरीमेटर – द्रव के प्रवाह की दर ज्ञात करने का यंत्र है ।
  22. पेरिस्कोप – पानी के सतह ज्ञात करने में किया जाता है ।

रसायन विज्ञान

पदार्थ की प्रकृति में विभिन्नता

गुण ठोस द्रव गैस
आकार निश्चित अनिश्चित अनिश्चित
आयतन निश्चित निश्चित अनिश्चित
घनत्व अधिक द्रव तथा गैस के मध्य बहुत कम
ऊष्मा का प्रभाव अल्प मात्रा में फैलाव अपेक्षाकृत अधिक फैलाव ठोस एवं द्रव की अपेक्षा अधिक फैलाव
दाब का प्रभाव बहुत कम कम बहुत अधिक
क्वथनांक व गलनांक गलनांक निश्चित होता है क्वथनांक निश्चित होता है क्रांतिक ताप सदैव निश्चित होता है
अंतरणविक स्थान बहुत कम मध्यम (ठोस व गैसों के मध्य का) अत्यधिक
विभाजनशीलता विभाजित हो जाते हैं विभाजित नहीं होते, परन्तु बूंदों में परिवर्तित हो जाते हैं । न ही विभाजित होते हैं और न ही बूंदों में परिवर्तित होते हैं
आणविक संरचना इनके अणु सुव्यवस्थित प्रबल ससंजक बल (Cohesive Force) से बंधे होते हैं । ठोस की अपेक्षा इनके अणु अधिक दूर होते हैं । इनके अणु स्वतंत्र रूप से तीव्र वेग से गमन करते रहते हैं ।
उदाहरण धातुएं (पारे के अतिरिक्त) लोहा, ग्लास, स्टील आदि । जल, तेल, किरोसिन आदि । हवा, नाइट्रोजन, CO2 आदि ।

 

वास्तविक विलयन, कोलॉइडी विलयन तथा निलंबन में विभेद

गुण वास्तविक विलयन कोलॉइडी विलयन निलंबन
प्रकृति समांगी विषमांगी विषमांगी
कण का आकार <1 nm(=10-7 – 10-8 cm) 1-100nm (=10-5 – 10-4 cm) >100nm (=10-3 – 10-4 cm)
पृथककरण

  • सामान्य
  • अतिसामान्य
  • सम्भव नहीं
  • सम्भव नहीं
  • सम्भव नहीं
  • सम्भव
  • सम्भव
  • सम्भव
कणों का बैठ जाना निचे नहीं बैठे हैं । अपकेंद्रण के कारण निचे बैढ़ते हैं । गुरुत्व के प्रभाव में निचे बैठ जाते हैं ।
कणों की दृश्यता पारदर्शी अल्प पारदर्शी या पारदर्शी अपारदर्शी
टिंडल प्रभाव नहीं दर्शाते हैं । दर्शाते हैं । दर्शाते हैं ।
ब्राउनी गति नहीं दर्शाते हैं । दर्शाते हैं । दर्शा सकते हैं ।

 

प्रमुख परमाण्वीय कण

कण खोज आवेग द्रव्यमान स्थिति
इलेक्ट्रॉन (-1e0) जेजे थॉमसन -1.6 × 10-19 9.1 × 10-31 या 0.000554 नाभिक के चरों और
प्रोटोन (1p1) रदरफोर्ड +1.6 × 10-19 1.65 × 10-27 kg या 1.007344 नाभिक में
न्यूट्रॉन (0n1) जेम्स चैडविक 0 1.67 × 10-27 kg या 1.00894 नाभिक में

 

धातु तथा अधातु में अंतर

गुणधर्म धातु अधातु
भौतिक अवस्था साधारणतया ये ठोस अवस्था में पाई जाती है । जैसे – आयरन, सोडियम, मैग्नीशियम, एल्युमिनियम आदि । (पारा को छोड़कर) ये ठोस, द्रव एवं गैस तीनों अवस्था में पाई जाती है । जैसे- सोडियम (S), ब्रोमीन (Br), ऑक्सीजन (O2) आदि ।
आघातवर्धनीयता इन्हें पीटकर पतली चादर के रूप में परिवर्तित कर सकते हैं । इन्हें ऐसा कर पाना संभव नहीं है ।
तन्यता इन्हें खींचकर पतले तारों के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है । इनमें ऐसा संभव नहीं है ।
चमक इनमें विशिष्ट चमक होती है, जिसे धात्विक चकम कहते हैं । ग्रेफाइट, हीरे तथा आयोडीन को छोड़कर इनमें कोई विशेष चमक नहीं होती है ।
ऊष्मा एवं विद्युत चालकता अधिकांश धातुएं ऊष्मा तथा विद्युत की चालकता होती है । ग्रेफाइट एवं गैस कार्बन को छोड़कर सभी अधातुएँ ऊष्मा एवं विद्युत की कुचलकता होती है ।

 

अयस्क किसे कहते हैं ?

जिस खनिज से कम खर्च में और सरल तरीके से धातु प्राप्त किया जा सकता है, उसे अयस्क कहते हैं । अयस्क दो या दो से अधिक तत्व का मिश्रण के रूप में होता है । जैसे- NaCl, इसमें सोडियम और क्लोरीन का मिश्रण है ।

कुछ महत्त्वपूर्ण धातुओं के अयस्क

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के इस भाग से किस प्रकार से बना के प्रश्न पूछ सकता है । ये बातें ध्यान रखें । चूँकि प्रश्न किसी से भी पूछ सकता है ।

प्रश्न : बॉक्साइट किसका अयस्क है? उत्तर- एल्युमिनियम, या फिर डोलोमाइट किसका अयस्क है? उत्तर- मैग्नेशियम ।

प्रश्न : गैलेना किसका अयस्क है? इसका उत्तर निचे में आपको मिल जाएगा, देखें ।

धातु अयस्क
सोडियम (Na)
  • चिली साल्ट पीटर (NaNO3)
  • नामक या ब्राइन (NaCl)
एल्युमिनियम (Al)
  • बॉक्साइट (Al2O3.2h2O)
  • कोरंडम (Al2O3)
  • क्रायोलाइट (Na3AlF6)
  • फेल्सपार (KAlSi3O8)
पोटेशियम (K)
  • नाइटर (KNO3)
  • कार्नेलाइट (KCl.MgCl2.6H2O)
मैग्नीशियम (Mg)
  • डोलोमाइट (MgCO3.CaCO3)
  • एप्सम लवण (MgSO4.7H2O)
कैल्सियम (Ca)
  • कैल्साइट (CaCO3)
  • फ्लुओरसपर (Caf2)
कॉपर (Cu)
  • क्युप्राइट (Cu2O)
  • कॉपर ग्लान्स (Cu2S)
  • कॉपर पायराइट (CuFeS2)
सिल्वर या चांदी (Ag)
  • रूबी सिल्वर (3Ag2S.Sb2S3)
  • हॉर्न सिल्वर (AgCl)
जिंक (Zn)
  • जिंक ब्लडी (ZnS)
  • कैलेमाइन (ZnCO3)
  • जिन्काइट या यशद पुष्प (ZnO)
आयरन (Fe)
  • हेमेटाइट (Fe2O3)
  • मैग्नेटाइट (Fe3O4)
  • सिडेराइट (FeCO3)
यूरेनियम (U)
  • पिच ब्लैण्डी (कार्नेटाइट) (U3O8)
थोरियम (Th)
  • मोनेज़ाइट
लेड (Pb)
  • गैलेना (PbS)
  • सिरुसाइट (PbCO3)
मर्करी या पारा (Hg)
  • सिनेबार (HgS)

 

प्रमुख मिश्रधातुएँ

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान के इस भाग से इस प्रकार से सवाल पूछता है ।

प्रश्न: तांबा, जस्ता और निकिल से बनने वाले मिश्रधातु का नाम क्या है ? उत्तर- जर्मन सिल्वर ।

मिश्रधातु मिश्रण (संगठन) प्रमुख उपयोग
पीतल कॉपर और जिंक (जस्ता) तार, मशीनों के पुर्जे, बर्तन
कांसा कॉपर तथा टीन बर्तन, मूर्तियां आदि बनाने में
बैल मेटल कॉपर तथा टीन घंटी, पुर्जे आदि बनाने में
सोल्डर टीन और लैड टांका लगाने में
ब्यूटर टीन और लैड बर्तन बनाने में
टाइप मेटल टीन, लैड तथा ऐंटिमनी छपाई में
गन मेटल कॉपर, टीन और जिंक बंदूकें, हथियार, मशीनों के पुर्जे
एल्युमिनियम ब्रॉन्ज कॉपर और एल्युमिनियम सिक्के, सस्ते आभूषण में
जर्मन सिल्वर कॉपर, जिंक और निकिल बर्तन मूर्तियां आदि
कॉन्सटैंटंन कॉपर और निकिल तार, विद्युत यंत्र में
स्टेनलेस स्टील आयरन, क्रोमियम और निकिल बर्तन, चिकित्सा के औजार में
एल्निको आयरन, एल्युमिनियम, निकिल स्थायी चुम्बक बनाने में
मैग्नेलियम मैग्नीशियम और एल्युमिनियम वायुयान तथा जहाजों को बनाने में

 

कार्बनिक यौगिकों के उपयोग

  • एथिलीन (C2H4)
    • मस्टर्ड गैस (सल्फर मस्टर्ड) बनाने में ।
    • फलों को पकाने में ।
  • एसिटिलीन (C2H2)
    • प्रकाश उत्पन्न करने में
    • ऑक्सी एसिटिलीन ज्वाला के रूप में
    • धातुओं की वैल्डिंग करने में कृत्रिम रबड़ (निओप्रिन) के संश्लेषण में
  • मिथाइल एल्कोहल (CH3OH)
    • पेट्रोल के साथ indhan के रूप में
    • ऐल्कोहॉल के विकृतिकरण अर्थात इसे पीने के अयोग्य बनाने में तथा पेण्ट तथा
    • वार्निश के संश्लेषण में
  • क्लोरोफॉर्म (CHCl3)
    • निश्चेतक के रूप में तथा पौधों एवं जंतुओं से प्राप्त पदार्थों के परिरक्षण में
  • गिल्सरीन (C3H8O3)
    • विस्फोटक नाइट्रोग्लिसरीन के संश्लेषण में
    • स्टाम्प की स्याही तथा जूता पॉलिश बनाने में
  • फॉर्मिक अम्ल (HCOOH)
    • फलों तथा रसों के परिरक्षण में
    • चमड़ा उद्योग में तथा रबड़ के स्कंदन में
  • एसिटिक अम्ल (CH3COOH)
    • सिरके तथा औषधि के निर्माण में
    • विलायक के रूप में
  • ऑक्जेलिक अम्ल (C2H2O4)
    • कपड़ों की प्रिंटिंग में
    • फोटोग्राफी में
    • कोलतार के संश्लेषण में
  • बेंजीन (C6H6)
    • तेल तथा वसा के लिए विलायक के रूप में तथा शुष्क धुलाई में
  • ईथाइल ऐल्कोहॉल (C2H5OH)
    • पीने के लिए, टंचार के निर्माण में
    • कीटनाशक के रूप में
    • रेक्टिफाईड स्पिरिट में 95.6% एथेनॉल होता है
  • टॉलूईन (C6H5OH)
    • विस्फोटक जैसे TNT के निर्माण में
    • शुष्क धुलाई में
    • औषधि जैसे क्लोरामिन के संश्लेषण में
  • फीनॉल (C6H5OH)
    • क्लोरामिन, पिक्रिक अम्ल (2,4,6-ट्राइनाइट्रोफिनॉल) तथा बाइकिलैत के संश्लेषण में

 

कांच की विभिन्न किस्में

कांच संघटन उपयोग
मृदु कांच या सोडा सोडियम कैल्सियम सिलिकेट (Na2O.CaO.6SiO2) बोतल, खिड़की के कांच आदि के निर्माण में
कठोर कांच या पोटाश पोटैशियम कैल्सियम सिलिकेट रासायनिक उपकरण जैसे- बिकार, कीप, फ्लास्क आदि के निर्माण में
क्राउन कांच इसमें बेरियम ऑक्साइड (BaO) होता है प्रकाशित उपकरण बनाने में
फिलन्ट कांच इसमें लेड ऑक्साइड (PbO) होता है प्रकाशित उपकरण जैसे- लेंस, प्रिज्म आदि के निर्माण में
जेना कांच इसमें B2O3 तथा Al2O3 होता है प्रयोगशाला में प्रयुक्त बोतल बनाने में
क्रुक्स कांच इसमें CeO2 होता है । धुप के चश्में बनाने में (क्योंकि यह पैराबैंगनी प्रकाश को अवशोषित करता है ।
दूधिया कांच टीन ऑक्साइड (SnO2), कैल्शियम फॉस्फेट तथा क्रायोलाइट से बनाया जाता है ।

 

रासायनिक पदार्थों के व्यापारिक तथा रासायनिक नाम एवं सूत्र

व्यापारिक नाम रासायनिक नाम सूत्र
खाने वाला सोडा सोडियम बाइकार्बोनेट NaHCO3
धावन सोडा सोडियम कार्बोनेट Na2CO3
कास्टिक सोडा सोडियम हाइड्रोक्साइड NaOH
उजला थोथा जिंक सल्फेट ZnSO4
हरा कसीस फेरस सल्फेट [Fe2(SO4)3]
भखरा चुना कैल्सियम हाइड्रोक्साइड Ca(OH)2
सिंदूर मरक्यूरिक सल्फाइड HgS
शोरा पोटैशियम नाइट्रेट KNO3
शोरे का अम्ल नाइट्रिक एसिड HNO3
नामक हाइड्रोक्क्लोरिक अम्ल HCl
गंधक सल्फ्यूरिक अम्ल H2SO4
नौसादर अमोनियम क्लोराइड NH4Cl
लाफिंग गैस नाइट्रस ऑक्साइड N2O
जिप्सम कैल्सियम सल्फेट CaSO4.2H2O
फिटकरी पोटैशियम एल्युमिनियम सल्फेट K2SO4Al2(SO4)3.24H2O
सुहागा बोरेक्स Na2B4O7
TNT ट्राई नाइट्रोटाल्विन C6H2CH3(NO2)3

जीव विज्ञान

मानव शरीर से सम्बंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य

प्रतियोगिता परीक्षा के लिए मानव शरीर से संबंधित सामान्य ज्ञान अति महत्त्वपूर्ण है । इस सेक्शन से 2-3 प्रश्न हमेशा पूछता है । मानव शरीर (General Knowledge About Human Body) से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जो सभी को जानना चाहिए ।

तथ्य स्थिति / मात्रा
अस्थियों की कुल संख्या 206
सबसे छोटी हड्डी (अस्थि)
स्टेपीज (मध्य कान में)
सबसे लम्बी हड्डी (अस्थि) फीमर (जांघ में)
कशेरूकाओं की कुल संख्या 33
सबसे लम्बी पेशी सारटोरियस
सबसे बड़ी ग्रंथि यकृत (लगभग 1.5 Kg)
शरीर का सबसे कठोर भाग दांत का इनेमल
सबसे बड़ी लार ग्रंथि पैरोटिड ग्रंथि
शरीर का सामान्य तापमान 98.4°F (37°C)
शरीर में रुधिर की मात्रा 5-6 लीटर
हीमोग्लोबिन की औसत मात्रा (पुरुष में) 13.16 g/dl
हीमोग्लोबिन की औसत मात्रा (स्त्री में) 11.5-14 g/dl
श्वेत रुधिर कोशिकाओं (WBCs) की संख्या 5000-10000/cu nm
लाल रुधिर कोशिकाओं का जीवनकाल 120 दिन
श्वेत रुधिर कोशिकाओं का जीवनकाल 2-5 दिन
रुधिर का थक्का बनने का समय 3-8 मिनट
सर्वग्राही रुधिर वर्ग AB ग्रुप
सर्वदाता रुधिर वर्ग O ग्रुप
सामान्य रुधिर दाब 120/80 Hg
सबसे बड़ी धमनी एब्डोमिनल एओटा
मस्तिष्क का भार 1220 से 1400 ग्राम
क्रेनियल तंत्रिकाओं की संख्या 12 जोड़ी
स्पाइनल तंत्रिकाओं की संख्या 31 जोड़ी
सबसे पतली एवं छोटी तंत्रिका ट्रॉक्लियर
सबसे बड़ी तंत्रिका ट्राइजेमिनल
सबसे लम्बी कोशिका न्यूरॉन (तंत्रिका कोशिका)

 

हार्मोन के अल्पस्रावण व अतिस्रावण से होने वाले प्रमुख रोग

अन्तः स्रावी ग्रंथि हार्मोन रोग प्रभाव
एडिनोहाइपोफाइसिस STH के अल्पस्रावण साइमंड रोग व्यक्ति समय से पहले बूढ़ा दिखाई देता है ।
एडिनोहाइपोफाइसिस या पियूष ग्रंथि STH के अल्पस्रावण
बौनापन वृद्धि में निरोधन
पैराथायरॉइड पैराथायरॉइड हार्मोन का अल्पस्रावण
टिटेनी पेशियों में ऐंठन
पैराथायरॉइड पैराथार्मोन का अल्पस्रावण
हाइपोकैल्सीमिया Ca2+ कम मात्रा में व फॉस्फेट अधिक
अग्नाशय (β-कोशिका) इन्सुलिन का अल्पस्रावण
डाइबिटीज मैलीटस रुधिर में अधिक शर्करा
न्युरोहाइपोफाइसिस या पियूष ग्रंथि वैसोप्रेसिन (ADH) के अल्पस्रावण
डाइबिटीज इन्सिपिडस पॉलीयूरिया
थाइरॉयइड थायरोक्सिन के अल्पस्रावण
जड़वामनता शारीरिक व मानसिक वृद्धि मंद
पैराथाइरॉइड पैराथोर्मोन के अतिस्रावण
ऑस्टियोपोरोसिस अस्थियाँ कमजोर व भंगुर
एडिनोहाइपोफाइसिस या पियूष ग्रंथि वृद्धि हार्मोन के अतिस्रावण
महाकायता भीमकाय शरीर (बाल्यास्था में)
एडिनोहाइपोफाइसिस या पियूष ग्रंथि वृद्धि हार्मोन के अतिस्रावण अग्रतिकायता भीमकाय शरीर (वयस्क में)
पिट्यूटरी या पियूष ग्रंथि फॉलिकल प्रेरक हार्मोन के अल्पस्रावण लैंगिक अपरिपक्वता नर एवं मादा में लैंगिक अंगों का कम विकास

 

मानव में प्रमुख विषाणु जनित रोग

रोग विषाणु प्रभावित अंग लक्षण
फ्लू या इन्फ्लुएन्जा ऑर्थोमिक्सो श्वसन तंत्र ज्वर, शरीर में दर्द, सिरदर्द, जुकाम, खांसी
रेबीज या हाइड्रोफोबिया रहैब्डो तंत्रिका तंत्र पीड़ा, ज्वर, पानी से अत्यधिक भय, मांसपेशियां तथा श्वसन तंत्र में लकवा, बेहोशी, बैचेनी, यह घातक रोग है।
खसरा पैरामिक्सो सम्पूर्ण शरीर ज्वर, पीड़ा, सम्पूर्ण शरीर में खराश, नेत्रों में जलन, आँख और नाक में द्रव का बहना ।
चेचक वेरिसेला सम्पूर्ण शरीर (विशेषकर चेहरा तथा हाथ-पैर) ज्वर, पीड़ा, सम्पूर्ण शरीर पर फफोले, जलन व बैचेनी
पोलियो एन्ट्रो तंत्रिका तंत्र (स्वाईनल कॉर्ड के चालक तंत्रिका की क्षति) मांसपेशियां के संकुचन में अवरोध तथा हाथ व पैर में लकवा ।
एड्स एचआईवी (HIV) प्रतिरक्षा प्रणाली (WBC)
कमजोरी, प्रतिरोधक शक्ति की समाप्ति, श्वेत रुधिर कणिकाओं का क्षय ।

 

मानव में प्रमुख जीवाणु जनित रोग

रोग जीवाणु प्रभावित अंग लक्षण
निमोनिया डिप्लोकोकस न्युमोनी फेफड़ा फेफड़ों में संक्रमण, फेफड़ों में जल भर जाना, तीव्र ज्वर, श्वास लेने में पीड़ा होना
टिटेनस क्लॉस्ट्रीडियम टेटेनी  तंत्रिका तंत्र तथा मांसपेशियाँ शरीर में झटके लगना, जबड़ा न खुलना, बेहोशी 
हैजा विब्रियो कॉलेरी आंत या आहारनाल निर्जलीकरण, वमन (Vomiting), दस्त
डिफ्थीरिया कॉरिनिबैक्टीरियम डिफ्थीरी
श्वासनली तीव्र ज्वर, दम घुटना, श्वास लेने में पीड़ा
टायफॉयड (मियादी बुखार)
साल्मोनेला टाइफी
आंत का रोग
ज्वर, दुर्बलता, अधिक प्रकोप होने पर आँतों में छेद हो जाना ।
कुष्ठ (कोढ़) माइकोबैक्टीरियम लैप्री
त्वचा तथा तंत्रिकाएं
गांठों का बन जाना, हाथ तथा पैर की अंगुलियां के ऊतकों का धीरे-धीरे नष्ट होना ।
क्षय रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस
शरीर का कोई भी अंग, विशेषकर फेफड़ा
ज्वर, खांसी, दुर्बलता, सांस फूलना, बलगम आना तथा थूक में खून का आना ।

 

मनुष्य में प्रोटोजोआ जनित रोग

रोग परजीवी प्रभावित अंग लक्षण
मलेरिया प्लाज्मोडियम की जातियां लाल रुधिराणु , प्लीहा यकृत  तीव्र ज्वर, सिरदर्द, कमर में दर्द
निद्रा रोग ट्रीपैनोसोमा गैम्बियंस रुधिर, सेरीब्रोस्पाइनल द्रव तथा केंद्रीय तंत्रिका तंत्र तीव्र ज्वर, बेहोशी, रोगी को लम्बी निद्रा आना
पायरिया एण्टअमीबा जिंजिवेलिस दांतों की जड़ें तथा मसूड़े मसूड़ों में सूजन, रुधिर-स्राव तथा मवाद का निकलना
अमीबिएसिस एण्टअमीबा हिस्टोलिटिका बड़ी आंत (कोलन) कोलन में सूजन, दस्त के साथ आंव (Mucus) का आना 
पेचिस (घातक अतिसार) जिओर्डिया लेम्बलिआ
आंत के अगले भाग दस्त, सिरदर्द तथा कभी-कभी पीलिया रोग का जनक
सुजाक (पुरुषों में) तथा श्वेत प्रदर (स्त्रियों में) ट्राइकोमोनास वैंजीनेलिस
पुरुषों में मूत्रमार्ग तथा स्त्रियों में योनि मूत्र-त्याग में जलन व दर्द, स्त्रियों में श्वेत द्रव का निकलना तथा दर्द
काला-अजार लीशमनिया डोनोवेनी
रुधिर, लसिका, प्लीहा, अस्थि मज्जा ज्वर, एनीमिया, प्लीहा तथा यकृत में सूजन

 

प्रमुख खनिज लवणों का महत्त्व, स्रोत तथा उनकी कमी से होने वाले रोग

खनिज लवण महत्त्व स्रोत रोग
कैल्शियम अस्थियों तथा दातों का निर्माण, ह्रदय एवं पेशियों का नियंत्रण, रुधिर का थक्का जमने में सहायक । दूध, अंडा, हरी पत्तेदार सब्जियां अस्थिभंगुरता, अनियंत्रित ह्रदय स्पंदन तथा पेशियाँ में गति ।
फॉस्फोरस कोशिकाओं को ऊर्जा, अस्थियों तथा दाँतों का निर्माण आनाज, दाल, दूध, अंडा और मछली आदि । शारीरिक कमजोरी, कमजोर दांत एवं अस्थियां ।
लोहा कोशिकाओं में ऑक्सीजन तथा CO2 का आदान- प्रदान । आनाज, दाल, मांस, हरी पत्तीदार सब्जियां, केला, सेव, अमरुद आदि । अरुधिरता, रुधिर द्वारा ऑक्सीजन अवशोषित करने की क्षमता में कमी ।
मैग्नेशियम पेशियों एवं तंत्रिकाओं पर नियंत्रण, कुछ एंजाइमों के लिए आवश्यक हरी पत्तीदार सब्जियां, अनाज । पेशियों तथा तंत्रिकाओं के कार्य प्रभावित, उपापचयी अनियमितता
गंधक प्रोटीन निर्माण में सहायक आनाज, दाल, मेथी, काला नामक । प्रोटीन्स की कमी तथा प्रोटीन उपापचय की अनियमितता ।
क्लोरीन एन्जाइम, तंत्रिका तथा आमाशय के कार्यों में सहायक । नामक, अनाज, फल । निर्जलीकरण, अत्यधिक कमजोरी ।
सोडियम एवं पौटेशियम शरीर की सभी कोशिकाओं को उचित स्थिति में रखने में सहायक । नामक, मांस, मछली, खजूर एवं केला आदि । रुधिर दाब में कमी, निर्जलीकरण, शारीरिक कमजोरी, अंग घात की आशंका ।

Conclusion

इस लेख के माध्यम से भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान से संबंधित सारी जानकारी को उपलब्ध करायें हैं, जो किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य विज्ञान से प्रश्न पूछा जा सकता है । बेहतर तरीके से याद रखने के लिए रेगुलर बेसिस पे देखते रहें । इससे आप एग्जाम में कन्फ्यूजन से बच सकते हैं, धन्यवाद ।

 

FAQs

Q. सामान्य विज्ञान में क्या-क्या आता है?

उत्तर- इसमें भौतिक, रसायन एवं जीव विज्ञान के बेसिक प्रश्न आता है ।

 

Q. सामान्य विज्ञान की कितनी शाखाएं हैं?

उत्तर- मुख्य रूप से तीन हैं : 1) भौतिक विज्ञान, 2) रसायन शास्त्र और 3) जीव विज्ञान ।

 

यह भी देखें :

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