इस लेख में पाचन क्रिया से संबंधित जानकारी प्रदान कर रहे हैं । जैसे- पाचन क्रिया किसे कहते हैं ? या पाचन क्रिया क्या है ? भोजन को पचाने में कौन से एंजाइम सहायक होते हैं ? आदि । यह जीव विज्ञान का दीर्घ उत्तरीय प्रश्न है, जो बोर्ड एग्जाम की दृष्टि से अति महत्त्वपूर्ण है ।
पाचन क्रिया किसे कहते हैं ?
पाचन क्रिया में भोजन को विभिन्न प्रकार के पाचक रसों एवं एन्जाइम्स की सहायता से भोजन को छोटे से छोटे अणुओं (टुकड़ों) में बदला जाता है, ताकि उनका अवशोषण हो सके । इसके बाद बाकि बचा अनुपयोगी पदार्थ मल के रूप में शरीर से बहार निकाल दिया जाता है । इस पुरे प्रक्रिया में भोजन का पाचन का होना ही पाचन क्रिया कहते हैं ।
मुंह में पाचन :
मुंह में दांत तथा जबड़ों की सहायता से भोजन को छोटे-छोटे टुकड़ों में बदला जाता है । यहाँ पर लार ग्रंथियों से स्रावित टायलिन एन्जाइम कार्बोहाइड्रेट को माल्टोज में बदलती है । फिर मुख गुहा के बाद भोजन ग्रासनली से होते हुए आमाशय में पहुँचता है ।
आमाशय में पाचन :
आमाशय की दीवारों से हाइड्रोक्लोरिक अम्ल निकलता है जो —
- भोजन को अम्लीय बनाता है,
- हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है ।
इस आमाशय की जठर ग्रंथियों से जठर रस निकलता है । इस जठर रस में तीन प्रकार के एन्जाइम होते हैं —
i) पेप्सीन – प्रोटीन की पेप्टोन तथा प्रोप्टोज में बदल देता है ।
ii) रेनिन – केसीन को पारा केसीन में बदलता है ।
iii) लाइपेज – वसा को वसीय अम्ल तथा ग्लिसरॉल में बदल देता है ।
इस प्रकार से आंशिक रूप से पचा भोजन पकवाशय में जाता है ।
छोटी आंत में पाचन :
छोटी आंत 6-7 मीटर की लम्बी नली होती है । इस नली का ऊपरी हिस्सा ग्रहणी अर्थात पकवाशय (पक्वाशय) होता है ।
पक्वाशय में यकृत से पित्त थैली के माध्यम से पित्त रस भोजन में मिलता है । पित्त भोजन को क्षारीय बनाता है तथा वसा को इमल्शन के रूप में बदल देता है ।
यही पर अग्नाशय (पैंक्रियाज) से अग्नाशयिक रस भोजन में मिलता है । अग्नाशयिक रस में निम्नलिखित एन्जाइम होते हैं —
i) ट्रिप्सिन – पेप्टोन तथा प्रोटोज को पेप्टाइड में बदलता है ।
ii) अमाइलेज – स्टार्च को माल्टोज में बदलता है ।
iii) लाइपेज – वसा को वसीय अम्ल तथा ग्लिसरॉल में बदलता है ।
छोटी आंत के दुरस्त हिस्से में इलियम से आंत्र रस श्रावित होता है । जिसमें कई प्रकार के एन्जाइम होते हैं —
इरिप्सिन – पेप्टोन और पेप्टाइड को अमीनो अम्ल में बदल देता है ।
सुक्रोज – सुक्रोज को ग्लूकोज एवं फ्रक्टोज में बदल देता है ।
माल्टोज – दूध के लैक्टोज एवं ग्लैटोज को ग्लूकोज में बदलता है ।
इस प्रकार सरलीकृत भोजन छोटी आंत की लम्बी नली से गुजरता है । इस नली की दीवारों पर स्थित रसांकुर भोजन के उपयोगी पदार्थों को अवशोषित कर रक्त में सम्मिलित कर देते हैं । इसके बाद भोजन पहुंचता है बड़ी आंत में ।
बड़ी आंत में पाचन :
पचे हुए भोजन का अपशिष्ट भाग बड़ी आंत में आता है । यहाँ अतिरिक्त जल का अवशोषण होता है तथा बाकि अपशिष्ट पदार्थ को मल (लैट्रिन) के रूप में मलाशय द्वारा उत्सर्जित कर दिया जाता है । यदि एक्स्ट्रा जल का अवशोषण नहीं होगा, तो पानी के जैसा लैट्रिन निकलेगा । जिसे हमलोग पतला पैखाना बोलते हैं ।
Conclusion
इस लेख में हमने पाचन क्रिया किसे कहते हैं ? और पाचन क्रिया में सहायक अंगों के बारे में वर्णन किया यानि पाचन क्रिया से संबंधित जानकारी को जाना । पाचन क्रिया में सहायक मुख्य अंग मुंह, आमाशय, छोटी आंत और बड़ी आंत है । यदि आपको बिना देखे इसको लिखना है तो सबसे पहले आपको इनका चित्र को अच्छे से समझो । फिर ऊपर से निचे कहाँ-कहाँ क्या-क्या प्रक्रिया हो रहा है उसके बारे में लिखना है ।
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