सूर्य ग्रहण क्यों होता है (Solar Eclipse) – प्रकार, कारण, कब, प्रभाव, क्या करें

सूर्य ग्रहण क्या है (Surya Grahan Kya Hai), सूर्य ग्रहण क्यों होता है, सूर्य ग्रहण क्यों लगता है, सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) कब है ? आदि ।

इस आर्टिकल में हम सूर्य ग्रहण के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे । आपके मन में भी इससे जुड़े कई सवाल होंगे । जैसे – सूर्य ग्रहण क्यों होता है या सूर्य ग्रहण क्यों लगता है । ग्रहण लगने के कारण क्या है ? ग्रहण के समय गर्भवती महिला को क्या-क्या नहीं करना चाहिए ? इन सारी जानकारी को देखेंगे ।

सूर्य ग्रहण क्या है

सूर्य ग्रहण क्या है

ग्रहण का अर्थ क्या है ? इसको इस तरह से समझो जब कोई कार्य के बीच में तीसरे के आ जाने से जो रुकावट आता है, उसे ही ग्रहण कहा जाता है । विज्ञान की भाषा में कहा जाए तो यह एक खगोलीय घटना है । आकाश में दो पिंड के बीच में कोई तीसरा पिंड के आ जाने से जो रुकावट पैदा होता है उसी ही ग्रहण कहा जाता है । जो सूर्य और पृथ्वी के मध्य में चन्द्रमा आ जाता है । तब सूर्य ग्रहण लगता है ।

 

सूर्य ग्रहण क्यों होता है

सूर्य ग्रहण क्यों होता है

जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चन्द्रमा आ जाता है और ये तीनों एक सीधी रेखा में होते है, तो सूर्य से आने वाली रौशनी पृथ्वी पर ना पड़कर चन्द्रमा पर पड़ता है । जिसके कारण चन्द्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ता है और हमें सूर्य नहीं दिखाई पड़ता है । इसे ही सूर्य ग्रहण कहते हैं । यह अमावस्या के दिन ही होता है ।

 

सूर्य ग्रहण के कारण

ग्रहण लगने का मुख्य कारण पृथ्वी और चन्द्रमा का परिक्रमण गति है । सूर्यग्रहण अधिकतम 7 मिनट तक ही होता है । क्योंकि पृथ्वी और चन्द्रमा आपने अक्ष में गति करती रहती है । ग्रहण की यह घटना हर देश में अलग-अलग समय में होती है । या कुछ देश में पड़ती भी नहीं है ।

 

सूर्य ग्रहण के प्रकार

surya grahan

ये सूर्यग्रहण के तीन प्रकार हैं :

  • अर्ध सूर्यग्रहण (Partial Solar Eclipse) : थोड़ा सा भाग ही चन्द्रमा से ढाका होता है ।
  • गोल सूर्यग्रहण (Annular Solar Eclipse) : चारों तरफ से ढक चूका है लेकिन थोड़ा-थोड़ा दिखता है ।
  • पूर्ण सूर्यग्रहण (Total Solar Eclipse) : यानि की सूर्य पूरी तरह से चन्द्रमा से ढक गया है ।

 

सूर्य ग्रहण कब होता है

ये सूर्य ग्रहण केवल अमावस्या के ही दिन होता है । पर क्यों ? क्या आपने कभी इसके बारे में गौर किया है । क्योंकि इस दिन चन्द्रमा, पृथ्वी के एकदम सामने होता है जिसके कारण सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर आने से रोकता है । अधिकतम सूर्यग्रहण 4 और चंद्रग्रहण 3 लग सकता है । ग्रहण लगने की यह क्रिया फिक्स्ड नहीं है कम भी लग सकता है । यह ग्रहण पृथ्वी और चन्द्रमा की घूर्णन और परिक्रमण गति के कारण होता है । जो साल में कभी-कभी ही होता है । जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा ये तीनों एक सीधी रेखा या लाइन में होती हैं । इस समय पृथ्वी पर कई प्रभाव पड़ते हैं ।

 

सूर्य ग्रहण कब है

इस वर्ष 2024 में साल का पहला सूर्ग्रहण लगने वाला है जो 8 अप्रैल 2024 को हो रहा है । भारतीय समयानुसार रात के 9 बजे से रात के 2 बजे तक होगा । यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा । इन देशों में ये ग्रहण दिखा जा सकता है । ये ग्रहण अमेरिका, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका आदि देशों में दिखाई देगा ।

 

सूर्य ग्रहण में क्या नहीं करना चाहिए

यदि ग्रहण लग रहा है तो आपको निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए :

हर व्यक्ति के लिए :

  • ग्रहण के वक्त सोना नहीं चाहिए ।
  • पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए ।
  • ग्रहण में भोजन ना बनाना और ना ही खाना चाहिए ।
  • इस समय कोई भी शुभ काम नहीं किया जाना चाहिए ।
  • सूर्य ग्रहण को खुली आँखों से नहीं देखना चाहिए ।
  • ग्रहण के समय कोई वाहनों को नहीं खरीदना चाहिए ।

सूर्य ग्रहण में गर्भवती महिलाओं को क्या-क्या नहीं करना चाहिए :

  • गर्भवती महिला को घर से बहार नहीं निकलना चाहिए ।
  • गायत्री मन्त्र और महामृत्युंजय मन्त्र का जप कर सकती हैं ।
  • ग्रहण के वक्त कोई धारदार वस्तु का इस्तेमाल ना करें ।

 

निष्कर्ष

यह जानकारी केवल शिक्षा के लिए है । शिक्षा के उद्देश्य से ही लिखा गया है । आपको यह जानकरी कैसा लगा । हमारा उद्देश्य है सही जानकरी को आप तक पहुँचाना । यदि जानकरी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्त के साथ जरूर साझा करें । इस लेख में आपको कोई त्रुटि मिला हो तो कमेंट के द्वारा हमसे साझा करें धन्यवाद ।

 

होम पेज Click Here

 

FAQs

Q1. सूर्य ग्रहण कब लगता है ?

उत्तर- जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चन्द्रमा आ जाता है तब लगता है ।

 

Q2. ग्रहण के दौरान सोने से क्या होता है ?

उत्तर- ग्रहण के दौरान सोने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है ।

 

Q3. चंद्रग्रहण कब लगता है ?

उत्तर- सूर्य और चन्द्रमा के बीच पृथ्वी के आ जाने पर लगता है ।

error: Content is protected !!