Project Cheetah : प्रोजेक्ट चीता के तहत नामीबिया से 8 चीतों को लाया गया जिसमें 5 मादा चीते और 3 नर चीते हैं ये 8280 km का सफर तय करके लाया गया है अब वर्तमान भारत में चीतों की संख्या आठ है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व की पहली चीता पुनर्वास परियोजना की शुरुआत की है । नामीबिया से चीतों को लाया गया और मध्यप्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान मे 17 सितम्बर को छोड़ दिया गया । प्रधानमंत्री ने इस मौके में कहा भारत में चीता परियोजना से विश्व को संदेश दिया की आर्थिक , विकाश और परिस्थिति मे कोई टकराव नही है । भारत मे चीता विलुप्त हो गया था 70 साल पहले में ही । अब आठ चीतों को एयर लिफ्ट करके लाया गया इस तरह अब वर्तमान में भारत में कुल 8 चीतों की संख्या हो गई है
प्रोजेक्ट चीता विश्व की पहली चीता पुनर्वास परियोजना है
टेबल ऑफ़ कंटेंट्स :-
- चीता परियोजना क्या है ?
- किस परियोजना के तहत चीतों को लाया गया है ?
- कब विलुप्त हुआ
- अफ्रीका चीता
- एशियाई चीता
- कूनो राष्ट्रीय पार्क / उद्यान
- उपस्थित लोग
- चीता । तेंदुआ । जैगआर में अंतर
चीता परियोजना क्या है
चीता परियोजन या प्रोजेक्ट चीता प्रधानमंत्री द्वारा चलाया गया एक अभियान है जो एक देश से दूसरे देश से चीते को लाने की है । कूनो राष्ट्रिय उद्यान में चीतों को नामीबिया से लाया गाया ये चीते की पहली बैच है भविष्यत में दूसरी बैच साउथ अफ्रीका से लाने की संभावना/योजना है । प्रोजेक्ट चीता का प्रस्ताव 2008-09 में मनमोहन सिंह की सरकार में स्वीकृति दी गयी थी ।
किस परियोजना के तहत चीतों को लाया गया है
- विश्व की सबसे बड़ी अंतर – महाद्वीपीय स्थानंतरण परियोजना के तहत भारत लाया गया है इनमें से 5 मादा और 3 नर चीता है । प्रधानमंत्री मोदी ने दो अलग-अलग जगहों पर चीतों को छोड़ा । इस मौके पर नरेंद्र मोदी ने चीता मित्र , चीता प्रबंधन समूह और विद्यार्थियों से भी बातचीत करी ।
- प्रधानमंत्री द्वारा जंगली चीतों को प्राकृतिक वास में छोड़ा जाना भारत के वन्य जीवन और इनके प्रकृतिक ठिकानों को पुनर्जीवित करने का उनका प्रयास का हिस्सा है ।
कब विलुप्त हुआ
- भारत में चीता की प्रजाति को कब विलुप्त घोषित गया ? चीता की प्रजाति को 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था । जब छत्तीसगढ़ का कोरिया जिले के महाराज रामनुज प्रताप सिंहदेव ने 3 चीतों का शिकार किया था वही देश के आखरी चीते थे ऐसा बताया जाता है इसके बाद कोई चीते देश में नहीं बचे ।
अफ्रीकी चीता
- अफ्रीकन चीता की वैज्ञानिक नाम : एसिनोनिक्स जुबेट्स है ।
इनकी त्वचा थोड़ी भूरी और सुनहरी होती है जो एशियाई चीतों से मोटी होती है , एशियाई चीता में कम धब्बे और रेखाएँ होती है जबकि अफ्रीका चीता में अधिक रेखाएँ और धब्बे होती है ।
एशियाई चीता
एशियाई चीता का वैज्ञानिक नाम एसिनोनिक्स जुबेट्स वेनेटिकस है
संरक्षण :
IUCN की रेड डाटा (लाल सूची): वाल्नरेबल (Vulnerable) कैटेगोरी में चीतों को रखा गया है । IUCN का Full Form है – International Union For Conservation of Nature (अंतराष्ट्रीय प्रकृतिक और प्राकृतिक संसाधन संघ, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए समर्पित एक अंतराष्ट्रीय संगठन) है इसका मुख्यालय ग्लैंड, स्विट्जरलैंड में है ।
कूनो राष्ट्रीय उद्यान
- कूनो राष्ट्रीय उद्यान यह मध्यप्रदेश के श्योपुर और मुरैना जिले मे विस्तारित नेशनल पार्क है , इसमें सांभर , हिरण , नीलगाय , जंगली सूअर , चिंकारा और अन्य जीवों की आबादी निवास करती है । वर्तमान में इस राष्ट्रीय उद्यान के भीतर तेंदुआ और धारीदार लकड़बघा जैसे बड़े मांसाहारी जीव है
उपस्थित लोग
प्रधानमंत्री ने अपने जन्मदिन पर 17 सितम्बर 2022 को प्रोजेक्ट चीता की शुरुआत की नामीबिया से लाये गए आठ चीतों की पहली बैच को मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा । इस मौके पर वहाँ मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पीएम मोदी का स्वागत किया साथ ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे
चीता , तेंदुआ और जैगआर के बीच में अंतर क्या है
चीता :-
कैसे पहचाने की ये चीता है या नहीं : चीते को आप आसानी से पहचान सकेते हैं , चीता के चेहरे में आँख से लेकर मुँह तक लंबे काले ( आसूंओं गिरने जैसे ) लाइन होते हैं जो तेज धूप रोशनी को आँख में पड़ने से रोकती है ।
- धरती पर सबसे तेज दोड़ने वाले जीव है
- शिकार को दोड़कर पकड़ता है
- ये बड़े – बड़े मैदानों में रहना पसंद करते हैं
- ये दिन में शिकार करते हैं
- ये सिर्फ मांस खाता है हड्डी को नही तोड़ सकता है
- वजन में सबसे कम ( करीब 145 पाउंड के आसपास )
- जमीन पर ज़्यादातर समय बिताते हैं
- चीता के काले धब्बे को Black Spots कहा जाता है
तेंदुआ :-
तेंदुआ के चेहरे में गोल काले धब्बे के अलावा और कोई धब्बे नही होते हैं ।
- चीता से कम तेज दोड़ता है
- घात लगाकर शिकार को पकड़ता है
- जंगल झड़ियों में रहना पसंद करता है
- ये रात में भी शिकार कर सकता है
- मांस के साथ हड्डी को भी खा जाता है
- इसका वजन करीब 35 से 75 kg के आसपास
- पेड़ों में आसानी से चड़ता है
- तेंदुए के काले धब्बे को Rosettes कहा जाता है
जैगुआर :-
इनके शरीर पर बड़े बड़े बिखरे काले धब्बे होते हैं ।
- चीता और तेंदुआ दोनों से कम तेज दोड़ता है
- ये पानी में बड़ी ही आसानी से तैर सकता है
- इनके जबड़े इतने मजबूत होते हैं की ये कछुआ के खोल को भी छेद सकते हैं
- ये दिन में शिकर करता है
- इनका वजन करीब 55 kg से 95 kg के आसपास होता है
- ये भी मांस के साथ हड्डी को भी खा जाता है
FAQ’s
Q. वर्तमान में भारत में चीतों की संख्या कितनी है ?
Ans- 8
Q. चीतों को किस विमान से लाया गया है ?
Ans- बोईंग 747 (Boeing-747)
Q. एशियाई चीता का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
Ans- एसिनोनिक्स जुबेट्स वेनेटिकस
Q. कुनो नेशनल पार्क कहाँ है ?
Ans- मध्यप्रदेश में
Q. संसार का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर कौन-सा है ?
Ans- चीता
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