ज्वालामुखी क्या है | ज्वालामुखी | कहाँ-कहाँ है

ज्वालामुखी क्या है ? ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह में एक छिद्र होता है जिससे होकर लावा, गर्म गैसें और चट्टानों के टुकड़े आदि विस्फोट के साथ बाहर निकलते हैं । पृथ्वी की ऊपरी हिस्से में इस प्रकार का छिद्र तब बनता है। जबकि पृथ्वी के अंदर में स्थित पिघली हुई चट्टानों जो मैग्मा कहलाती है। पृथ्वी की ऊपरी सतह की नजदीक आए भूपर्पटी के कमजोर स्थानों पर एक छिद्र बना देती है, जिससे होकर लावा का शांत निस्सरण होता है जो बाद में विस्फोट के साथ बाहर निकलने लगता है ।

जब ज्वालामुखी पहाड़ों से विस्फोट के साथ कोयला, राख, जलता हुआ तरल पदार्थ, जलते हुए गैस आदि का बाहर निकलना एक आश्चर्यजनक दृश्य होता है । कुछ ज्वालामुखी पहाड़ों से विस्फोट के साथ पहाड़ के ऊपर मिश्रित पदार्थों का एक विशाल प्रचंड बादल बन जाता है और ज्वालामुखी पहाड़ के नजदीक से चमकते हुए लावा की नदियां बहने लगती है ।

अन्य प्रकार के विस्फोटों में पहाड़ से लाल गर्म राख और अंगार ऊपर आकाश में छा जाते हैं तथा गर्म चट्टानों के बड़े-बड़े टुकडे आकाश में काफी दूर-दूर तक उड़ते हैं। कुछ ज्वालामुखी विस्फोट इतने प्रचंड होते हैं कि उनसे ज्वालामुखी पहाड़ ही कई टुकड़ों में बिखर जाता है

ज्वालामुखी कैसे बनता है ?

ज्वालामुखी पृथ्वी की गहराई में पिघली हुई चट्टान तथा मैग्मा के रूप में बनना शुरू होता है। पृथ्वी की गहराई में चट्टानें अत्यधिक तप्त (गर्म) होकर पिघल जाती है, जिससे मैग्मा निर्मित होता है। चट्टानों के पिघलने से बहुत अधिक मात्रा में गैस निकलती है, जो मैग्मा में मिश्रित हो जाती है मैग्मा प्रायः पृथ्वी के सतह से 80 से 160 किलोमीटर की गहराई पर निर्मित होता है ।

गैस युक्त मैग्मा अपने आसपास स्थित ठोस चट्टानों से हल्का होने के कारण धीरे-धीरे ऊपर उठना शुरू कर देता है और इस पर ठोस चट्टानों के भार के कारण भारी दबाव पड़ता है। मैग्मा के पृथ्वी की सतह के निकट आने पर उसमें गैस निर्मुक्त हो जाती हैं तथा दोनों के संयुक्त प्रभाव से पृथ्वी की सतह पर विस्फोट के साथ एक छिद्र (Hole) बन जाता है जिसे नियंत्रक द्वार (Control Vent) कहते हैं।

वैज्ञानिकों द्वारा इसका कारण एक टैक्टॉनिक प्लेट सिद्धांत बताया गया है जिससे इस तथ्य की व्याख्या करना सरल हो जाता है कि केवल कुछ स्थानों पर अधिकांश ज्वालामुखी घटना क्यों होता है या उन्हीं स्थानों पर आमतौर पर भूकंप भी आते हैं ।

 

रोकथाम कैसे बचें

ज्वालामुखी-का-चित्र

ज्वालामुखी से पृथ्वी पर भारी तबाही मचती है यह सर्वाधिक विनाशकारी प्राकृतिक आपदा है। साल 1400 के बाद से ज्वालामुखी के कारण लगभग 200000 लोग असमय मृत्यु के का शिकार हुए हैं।ज्वालामुखी फटने के बाद आसपास के क्षेत्र में जानमाल की हानि रोकने के लिए कुछ भी कर पाना संभव नहीं होता है। किंतु यदि उस क्षेत्र विशेष से लोगों को हटा दिया जाए तो इससे बहुत से लोगों की प्राण रक्षा की जा सकती है, दुर्भाग्यवश अधिकांश मामलों में ज्वालामुखी विस्फोटों का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है।

कुछ प्रकार के ज्वालामुखी विस्फोटकों की अप्रत्यक्ष चेतावनी मिलती है कभी-कभी मैग्मा गैस और बाप के विशाल दाब के कारण पृथ्वी की सतह पर छोटे से क्षेत्र में एक उपहार बनता है इस प्रकार के उपहारों और बाढ़ बाद में हुए विस्फोटों से प्रभावित हो सकने वाले क्षेत्रों को दर्शाते हुए मानचित्र तैयार किए गए हैं इस प्रकार के मानचित्र और चेतावनी प्रणालियां किसी स्थान विशेष को समय से खाली कर देने के संबंध में पूर्व निर्णय लेने में सहायक सिद्ध होती है।

 

ज्वालामुखी तीन प्रकार के हैं

  1. सक्रिय ज्वालामुखी
  2. प्रसुप्त ज्वालामुखी
  3. मृत या शांत ज्वालामुखी

 

सक्रिय ज्वालामुखी :

ज्वालामुखी

 

ये सक्रिय ज्वालामुखी क्या है? सक्रिय ज्वालामुखी को एक्टिव वोल्केनो भी कहते हैं। इनकी संख्या लगभग 500 के आसपास है। इस ज्वालामुखी से हमेशा धूल, गैस, धुंआ, जलवाष्प निकलती रहती है उसे सक्रिय (Active) ज्वालामुखी कहते हैं ।

यहां कुछ ज्वालामुखी है :

  1. मौना लोआ → हवाई द्वीप में (विश्व का सबसे बड़ा सक्रिय ज्वालमुखी है)
  2. कोटोपैक्सी ज्वालामुखी → इक्वाडोर में विश्व का सबसे बड़ा ज्वालामुखी है।
  3. एटना ज्वालामुखी → इटली में
  4. कालिमा ज्वालामुखी → मैक्सिको में
  5. स्ट्रांबोली → इटली में (भूमध्य सागर का प्रकाश स्तम्भ कहा जाता है)
  6. बैरन ज्वालामुखी → भारत के अंडमान निकोबार में स्थित है ।
  7. डेल सलाडो → इंडीज पर्वत पर यह विश्व का सबसे ऊंचाई पर स्थित Active ज्वालामुखी है।
  8. मेपाल, ताल और पिनाटाबू → फिलीपींस में
  9. किलाउआ ज्वालामुखी → हवाई द्वीप में

 

मौना लोआ ज्वालामुखी :

इस ज्वालामुखी को विश्व का सबसे बड़ा सक्रिय ज्वालामुखी कहा जाता है क्योंकि इस द्वीप पर अब तक 35 बार से अधिक विस्फोट हो चूका है । मौन लोआ ज्वालामुखी अमेरिका के हवाई द्वीप में स्थित है । यहाँ पर पांच ज्वालमुखी और है ।

हवाई द्वीप के सभी ज्वालामुखी के नाम हैं :

  • मौना लोआ
  • किला उआ
  • मौन कौआ
  • हुलालाई
  • हैलकाला पर्वत

ऊपर के चार ज्वालामुखी बिग आइलैंड पर स्थित है बाकि एक माउ पर स्थित है ।

 

कोटोपैक्सी ज्वालामुखी :

कोटोपैक्सी ज्वालामुखी दक्षिण अमेरिका के इक्वाडोर देश में स्थित है। कोटोपैक्सी विश्व का सबसे बड़ा ज्वालामुखी है।

 

प्रसुप्त ज्वालामुखी :

ज्वालामुखी-क्या-है

 

प्रसुप्त जवालामुखी को सुषुप्त (Dormant) जवालामुखी भी कहते हैं। यह कभी भी फट सकती है।

एक बार ये फट जाने के बाद यह काफी लंबे समय तक निकलता रहता है ।

ये कुछ प्रसुप्त ज्वालामुखी है :

  1. विसुवियस → इटली में
  2. फ्यूजीयामा → जापान में
  3. होंशु द्वीप → जापान में यह घोषलेदार शंकु का उदाहरण है
  4. काका ताऊ → इंडोनेशिया में
  5. नारकोंडम ज्वालामुखी → भारत के अंडमान निकोबार में स्थित है ।
  6. म्याना → फिलिपिंस में

 

मृत या शांत ज्वालामुखी :

 

मृत या शांत ज्वालामुखी

मृत या शांत ज्वालामुखी क्या है यह ज्वालामुखी भविष्य में नहीं फटेगी। यह पिछले कई साल पहले फटा था। अब यह मृत यानि शांत हो गया है।

शांत ज्वालामुखी के कुछ उदाहरण है :

  1. किलिमंजारो पर्वत – अफ्रीका में
  2. एकांकागुआ – यह विश्व में सबसे ऊंचाई पर स्थित शांत ज्वालामुखी पर्वत है।
  3. देवबंद → ईरान में
  4. कोह → ईरान में

 

ज्वालामुखी :

ज्वालामुखी किसे कहते हैं

क्रेटर : ज्वालामुखी के मुँह को क्रेटर कहते हैं ।

मैग्मा : जब ज्वालामुखी फूटता है तो अंदर से तरल पदार्थ निकलता है इसी तरल पदार्थ को मैग्मा कहा जाता है । और जब ये पृथ्वी का सतह पर पहुँच जाता है तो इसे लावा कहते हैं ।

सिंडर : जब ये लावा छोटे-छोटे टुकड़े में बट जाता है ठोस बन जाते हैं, तब इसे सिंडर बोलते हैं । और यही सिंडर जब कोण के रूप में बन जाता है, तो सिंडर कोण बोलते हैं ।

 

महत्त्पूर्ण बिंदु :

  • भारत में कुल दो ज्वालामुखी है, एक सक्रीय और एक प्रसुप्त ज्वालमुखी हैं ।
  • विश्व का सबसे ऊँचा ज्वालामुखी पर्वत कोटोपैक्सी है ।
  • डेल सालाडो विश्व की सबसे ऊंचाई पर स्थित सक्रीय ज्वालामुखी है ।
  • देवबंद ज्वालामुखी ईरान में स्थित है ।

नोट :- ऑस्ट्रेलिया एकमात्र देश है जहां एक भी ज्वालामुखी नहीं है।

 

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FAQ’s

भारत में कुल कितने ज्वालामुखी है ?
Ans- 2 ज्वालामुखी

 

विश्व में कुल कितने सक्रिय ज्वालामुखी है ?
Ans- कुल 500 सक्रिय ज्वालामुखी

 

दुनिया का सबसे छोटा ज्वालामुखी कौन सा है ?
Ans- क्यूस्कोमेट ( मेक्सिको में )

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