भारत का पहला प्राइवेट रॉकेट में कालाम-80 इंजन का प्रयोग किया गया

भारत का पहला प्राइवेट रॉकेट : विक्रम-S रॉकेट एक Single-Stage Sub-Orbital लॉन्च व्हीकल्स है स्काईरूट ने विक्रम-S रॉकेट को 18 नवंबर 2022 को लॉन्च किया । हैदराबाद स्थित स्काईरुट एयरोस्पेस कंपनी अंतरिक्ष में सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए स्पेस लॉन्च व्हीकल्स बनाती है । भारत 2020 से पहले Allow नहीं करता था लेकिन 2020 में एक Draft लाया गया Spacecom Policy के तहत Private Sector के लिए खोल दिया गया ।

यह स्काईरूट एयरोस्पेस का पहला मिशन है, जिसका नाम “प्रारंभ” यानि ‘शुरुआत’ है रखा गया । विक्रम-S रॉकेट अपने साथ तीन कमर्शियल पेलोड्स को लेकर सफलता पूर्वक उड़ान भरी । विक्रम-S रॉकेट एक सिंगल-स्टेज सब-ऑर्बिटल लॉन्च व्हीकल्स है ।

Vikram-s-Rocket

भारत का पहला प्राइवेट रॉकेट (First Private Rocket Launch in India)

India’s First Private Rocket विक्रम-एस को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया । ये रॉकेट दिन में 11:30 बजे को लांच किया गया । ये Flight अधिकतम हाइट 89 Km तय किया और Launch Site से 130 Km की दुरी पर गयी ।

Note : पृथ्वी से 80 Km के ऊपर को Outer Space कहते हैं, यानि ये फ्लाइट Sussful रही ये एक प्रकार का टेस्टिंग फ्लाइट थी ।

 

Vikram Rocket  के साथ 3 पेलोड्स को लेकर गई

Vikram-s Rocket अपने साथ 3 और पेलोड्स को भी लेकर गई । इनके नाम हैं :

  1. IN-Space Tech : एन-स्पेसटेक आँध्रप्रदेश के एक स्टार्टअप के द्वारा बनाया गया है.
  2. Space Kids : स्पेस किड्स चन्नेई के स्टार्टअप द्वारा बनाया गया Satellite है । और इस  स्पेस किड्स पेलोड्स का वजन 2.5 किलो था । जिसका नाम ‘ फन-सैट’  है इसको अमेरिका, भारत, सिंगापूर और इंडोनेशिया के विद्यार्थियों द्वारा बनाया गया है ।
  3. बाजूम-Q : आर्मेनियन स्पेस लैब का पेलोड्स था ।

 

विक्रम-एस रॉकेट की खिसियात

  • रॉकेट की लम्बाई – 6 मीटर ।
  • वजन – 545 kg लगभग ।
  • ईंधन – ठोस ईंधन का प्रयोग किया गया ।
  • इंजन – कालाम-80 ।

Note : Vikram-S रॉकेट में जो इंजन का Use किया गया है उसका नाम “Kalam-80” रखा गया है ।

  • Skyroot ऐसा पहला स्टार्टअप था जो इसरो के साथ MOU (Memorandum of understanding) को sign किया था, कि वो रॉकेट लॉन्च करेगा तो इसरो का लॉन्च पैड का इस्तेमाल करेगा ।

  • ये रॉकेट सिर्फ और सिर्फ छोटे Satellite को ही ले जा सकता है । बड़े वाला Satellite को नहीं ले जा सकता है ।

  • Vikram Rocket आने वाले समय में ये Vikram 1, Vikram 2 और Vikram 3 के नाम से Launch करेगा ।

 

अन्य महत्त्वपूर्ण बिंदु :

  • स्काईरूट कम्पनी की शुरुआत 2018 में पवन कुमार चांदना और नागा भरत डका ने किया था ।
  • ये दोनों ISRO के साइंटिस्ट रह चुके हैं पूर्व में ।
  • भारत में पहली प्राइवेट स्पेस कंपनी स्काईरूट (Skyroot) एयरोस्पेस बनी जो अपनी निजी रॉकेट को आँध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया ।

 

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Skyroot के अनुसार :

आगे आने वाले समय में 20,000 से ज्यादा छोटे Satellite को launch किये जायेंगे और उसके लिए ये अपने आप को तैयार कर रहे हैं  ताकि जो भी Satellite Launch करने हों उसको Affordable बना सके ।

 

स्काईरुट का उद्देश्य (Purpose of Skyroot)

स्काईरूट एयरोस्पेस का उद्देश्य किफायती, विश्वनीय और सभी के लिए नियमित अंतरिक्ष उड़ान के अपनी मिशन को आगे बढ़ाना है । Skyroot के अनुसार यह रॉकेट 24 घंटे के अंदर Launch Site में ही Assembled करके अंतरिक्ष में Launch किया जा सकता है ।

 

FAQ’s

Q.1 विक्रम-एस रॉकेट में कौन-सा इंजन का उपयोग किया था ?
Ans- कालाम-80

Q.2 भारत में पहला प्राइवेट कंपनी कौन-सी है जो निजी रॉकेट लॉन्च किया  ?
Ans- स्काईरूट  Skyroot

Q.3 Skyroot एयरोस्पेस का पहला मिशन का नाम क्या है ?
Ans- प्रारंभ

Q.4 Skyroot एयरोस्पेस का हेडक़्वार्टर कहाँ है ?
Ans- हैदराबाद में

Q.5 प्राइवेट सेक्टर के लिए भारत ने कब से अंतरिक्ष स्पेस को Open किया था ?
Ans- 2020 से

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