Vakya Kise Kahate Hain – प्रकार (भेद), परिभाषा एवं उदाहरण से समझें

दोस्तों, आज हम पढ़ेंगे Vakya kise kahate hain ( वाक्य किसे कहते हैं)। सरल शब्दों वाक्य कई शब्दों के समूह होते हैं और उस शब्द से सार्थक गुण या महत्त्व का अर्थ निकलता है, उसे वाक्य कहते हैं। यहाँ पर हम वाक्य के प्रकार यानि भेद के साथ-साथ इनके उदाहरण भी देखेंगे ।

Vakya Kise Kahate Hain

Table of Contents

Vakya Kise Kahate Hain ? (वाक्य किसे कहते हैं)

आसान भाषा में कहा जाये तो वाक्य शब्दों का एक समूह होता है, उस शब्द के समूह को ही वाक्य कहते हैं । जिसका पूरा अर्थ हमें समझ में आ जाये की, वह वाक्य क्या कह रहा है । वाक्य भाषा का मूल भाग है जो हमें सही एवं स्पस्ट संचार के लिए बहुत आवश्यक है । वाक्य में अनेक तत्व जैसे कर्त्ता, कर्म, सकर्मक, पुलिंग, संज्ञा आदि मौजूद होते हैं । 

उदाहरण :

  • राम फुटबॉल खेलता है ।
  • रोहन किताब पढ़ रहा है ।
  • मैं इंटरनेट से वाक्य के बारे में पढ़ रहा हूँ ।

इस वाक्य में राम कोन-सा खेल खेल रहा है । यहाँ पर हमें स्पस्ट समझ में आ रहा है की राम एक गेंद खेल रहा है।

 

वाक्य विचार किसे कहते हैं? (Vakya vichar kise kahte hain)

हमने देखा शब्दों के उस समूह को वाक्य कहते हैं जिसका पूरा अर्थ समझ में आ जाए। जैसे मैं इंटरनेट से वाक्य के बारे में पढ़ रहा हूँ । यानि की हम इस वाक्य के बारे में गप-शप कर सकते हैं । इसी को ही वाक्य विचार कहते हैं । साधारण तरीके से कहें तो आप इस वाक्य के बारे में विचार विमर्श कर सकते हैं ।

उदाहरण : राम फुटबॉल खेलता है ।

  • राम – यहाँ पर राम कर्त्ता के रूप में प्रयोग हुआ है ।
  • फुटबॉल – क्रम करक है ।
  • खेलता है – क्रिया है ।

 

वाक्य के कितने अंग होते हैं ?

वाक्य के दो अंग होते हैं :

  1. उद्देश्य और
  2. विधेय

उद्देश्य वाक्य – उद्देश्य वाक्य में जिसके विषय में कुछ कहा जाता है उसे उद्देश्य कहा जाता है । जैसे- परी पढ़ती है । इसमें परी ‘उद्देश्य’ है ।

विधेय वाक्य – विधेय वाक्य उद्देश्य के बारे में जो भी कुछ कहा जाता है, उसे विधेय कहते हैं । हमने वाक्य देखा परी पढ़ती है । वाक्य में पढ़ती है ‘विधेय’ है ।

अब आप समझ गए है उद्देश्य और विधेय क्या है?

 

वाक्य के कितने भेद होते हैं ? (Vakya ke kitne bhed hote hain)

वाक्य के दो भेद है:

  • पहला रचना की दृष्टि से और
  • दूसरा अर्थ की दृष्टि से

आपने वाक्य और वाक्य के भेद देखा । इनके भी और भेद हैं जो हम आगे में एक-एक करके विस्तार से पढ़ेंगे ।

A.〉 रचना की दृष्टि से वाक्य के भेद ?

रचना की दृष्टि से वाक्य के तीन भेद हैं :

  • सरल वाक्य
  • मिश्र वाक्य और
  • संयुक्त वाक्य

 

1.〉 सरल वाक्य किसे कहते हैं ? (Saral vakya kise kahte hain)

जब हम वाक्य बोलते हैं तब जिस वाक्य में एक ही क्रिया होती है। उसे सरल वाक्य कहा जाता है। जैसे- मैं जाता हूँ।  इसमें ‘जाता’ एक ही क्रिया है।

सरल वाक्य का उदाहरण :

  • सोहन खाता है ।
  • आशा फोन नहीं उठा रही है ।
  • शिक्षा व्याकरण पढ़ा रहे हैं ।

ध्यान दे सरल वाक्य में एक उद्देश्य होगा और एक ही विधेय होगा ।

 

2.〉 मिश्र वाक्य किसे कहते हैं ? (Mishra vakya kise kahate hain)

परिभाषा: जिस वाक्य में सरल वाक्य के अलावा भी उसका कोई अंश (सहायक) वाक्य हो, उसे हम मिश्र वाक्य कहते हैं। यानि की मिश्र वाक्य में आपको दो उद्देश्य देखने को मिलेंगे। जो अलग-अलग वाक्य होते हैं और वे एक साथ उपयोग किये जाते हैं। जैसे- ऐसा जानवर का नाम बताओं जिसका पूंछ नहीं है ।

सरल वाक्य और मिश्र वाक्य निम्नलिखित शब्द से जुड़ते हैं :

  • जिसने
  • जो
  • जब
  • तब
  • जैसा
  • वैसा
  • जहाँ
  • यदि
  • की आदि ।

मिश्र वाक्य के उदाहरण :

  • मैं इंटरनेट खोलता हूँ पढ़ने के लिए ।
  • मुझे घर जाना है पैसा लाने के लिए ।
  • सलमान खान ने हिरन को मारा इसलिए उसे दोषी पाया गया ।
  • आज मुझे बहुत थकावट लग रहा है जिसके कारण में नहीं चल पा रहा हूँ ।

यहाँ पे आप फर्स्ट वाक्य देखेंगे तो आप कहेंगे यहाँ पर तो कोई मिश्र शब्द तो Use हुआ ही नहीं है। लेकिन यहां पे आपको जो ध्यान देना है। वो है इस वाक्य में मुख्य क्रिया का उपयोग के साथ संयुक्त वाक्य का उपयोग होना।

 

3.〉 संयुक्त वाक्य किसे कहते हैं ? (Sanyukt vakya kise kahate hain)

जिस वाक्य में सरल और मिश्र वाक्य के दोनों संयोजक वाक्य द्वारा बनता है। उसे हम संयुक्त वाक्य बोलते हैं। संयुक्त वाक्य किसी समुच्यबोधक अव्यय से जुड़े होते हैं। जैसे- मैं जब खाना खाने बैठा तो दोस्त आ गया फिर हम दोनों ने खाना खाया ।

संयुक्त वाक्य के कुछ उदाहरण :

  • निशा पढ़ने बैठी ही थी की लाइट चली गई फिर काफी इंतजार करने के बाद लाइट आयी ।
  • धुप में स्किन जलती है इसलिए छाता साथ में रखा जाता है ताकि धुप से बचा जा सके ।
  • शर्मा को जाना पसंद था वो बस पकड़ के चला गया कब आएगा नहीं पता ।
  • मैं रात को 12 बजे तक पढ़ने वाला हूँ ताकि मेरा एग्जाम क्लियर हो जाए और मैं UPSC में सेलेक्ट हो जाऊँ ।
  • वह घर से कल निकला था और आज पहुंचा है ।

 

B.〉 अर्थ की दृष्टि से वाक्य के भेद ? (Arth ke aadhar par vakya bhed)

अर्थ के आधार पर वाक्य के 8 भेद हैं:

  1. विधिवाचक
  2. निषेधवाचक
  3. आज्ञावाचक
  4. प्रश्नवाचक
  5. विस्मयबोधक
  6. संदेहबोधक
  7. इच्छाबोधक 
  8. संकेतवाचक

 

1.〉  विधिवाचक वाक्य (Vidhan vachak vakya)

विधिवाचक वाक्य किसे कहते हैं ?

परिभाषा: जिससे किसी बात का के होने का बोध हो उसे हम विधिवाचक वाक्य कहते हैं।

उदाहरण:

  • मैंने पानी पिया ।
  • राम नहाया ।
  • पकोड़ा खाने का मन कर रहा है ।
  • आप घूमने जा रहे हो ।

 

2.〉 निषेधवाचक वाक्य (Nishedh vachak vakya)

निषेधवाचक वाक्य किसे कहते हैं ?

परिभाषा: जिस व्यक्ति से किसी बात का ना होने का बोध हो, हम उसको निषेधवाचक वाक्य बोलते हैं।

उदाहरण:

  • मैं नहीं खाया हूं ।
  • उसने नहीं लिया ।
  • वो जाने को तैयार नहीं है ।
  • वो सुन्दर नहीं दिख रही है ।

 

3.〉 आज्ञावाचक वाक्य(Aagya vachak vakya)

आज्ञावाचक वाक्य किसे कहते हैं ?

परिभाषा: जिस वाक्य के शब्द से आज्ञा का बोध होता है । हम उसे आज्ञावाचक कहते हैं ।

उदाहरण:

  • बेटा घर जाओ ।
  • लक्ष्मी एक गिलाश पानी लाना ।
  • खड़े हो जाओ आदि ।

 

4.〉 प्रश्नवाचक वाक्य (Prashna vachak vakya)

प्रश्नवाचक वाक्य किसे कहते हैं ?

परिभाषा: जो भी वाक्य से किसी प्रकार के प्रश्न पूछे जाने का बोध हो, उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहा जाता है ।

उदाहरण:

  • कहां जा रहे हो ।
  • आप क्या काम करते हो ।
  • गीता कौन सा विषय पढ़ रही है आदि ।

 

5.〉 विस्मयबोधक वाक्य (Vismaya bodhak vakya)

विस्मयबोधक वाक्य किसे कहते हैं ?

परिभाषा: जो शब्द से हमें दुःख, आश्चर्य और हर्ष का एहसास होता हो उसे हम विस्मयबोधक वाक्य बोलै जाता है । जैसे- ओह, हर्ष, आश्चर्य, अरे, उल्लास आदि।

उदाहरण:

  • अरे बाप रे कितना मुश्किल सवाल है ।
  • राम कैसे तैर करके पर का गया नदी ।
  • ओह चोट लग गया ।

 

6.〉 संदेहबोधक वाक्य (Sandeh bodhak vakya)

संदेहवाचक वाक्य किसे कहते हैं ?

परिभाषा: जो भी वाक्य से हमें किसी भी प्रकार का संदेह जाहिर होता हो, उसको हम संदेह वाचक वाक्य कहते हैं ।

उदाहरण:

  • उसने पैसा चोरी की होगी ।
  • एग्जाम क्लियर होगा या नहीं ।
  • मेडिकल में डॉक्टर आया होगा ।

 

7.〉 इच्छाबोधक वाक्य (Ichchha bodhak vakya)

इच्छावाचक वाक्य किसे कहते हैं ?

परिभाषा: जिस ववाक्य से किसी प्रकार की आपके मन में इक्छा, लालसा या शुभकामना का बोध हो । उसे इच्छाबोधक वाक्य कहा जाता है ।

उदाहरण:

  • भगवान आपकी यात्रा सफल करे ।
  • मुझे मिठाई खान की इच्छा हो रही है ।
  • मेरा मन सोनी से मिलने को तड़प रही है ।

 

8.〉 संकेतवाचक वाक्य (Sanket vachak vakya)

संकेतवाचक वाक्य किसे कहते हैं ?

परिभाषा: जो वाक्य से हमें किसी संभावना या होने का बोध होता है यानि पहले वाक्य दूसरे वाक्य पर आश्रित होता है। उसे हम संकेतवाचक वाक्य कहते हैं ।

संकेतवाचक वाक्य के उदाहरण :

  • मैं बैटिंग करता तो मैच जित सकता था ।
  • वहां जाते तो आपको भी गिफ्ट मिलता ।
  • मेहनत करोगे तो फल मिलेगा ।
  • उसेन बोल्ट दौड़ता तो कुछ ही सेकंड में 100 मीटर पूरा कर लेता ।

 

वाक्य क्रम

दोस्तों वाक्य के इस लेख में आपको वाक्य क्रम सबसे ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है । इसी के माध्यम से ही आप बोलते हैं

  • हिंदी वाक्यों में, वाक्य के शुरुआत में कर्त्ता, बीच में कर्म और अंत में क्रिया होती है ।
  • कर्ता और कर्म के बीच क्रमशः अधिककरण, अपादान, संप्रदान और करण कारक आते हैं ।
  • संबोधन, वाक्य के प्रारंभ में आता है ।
  • विशेषण, संज्ञा के पहले में आता है ।
  • क्रिया विशेषण, क्रिया के पहले में आता है ।
  • प्रश्नवाचक पद उसी संज्ञा के पहले रखा जाता है, जिसके विषय में कुछ पूछा जाता है ।
  • वाक्य के अंत में विराम चिन्ह होता है ।

यदि आप वाक्य क्रम याद रखते हैं । तो आप बड़ी ही आसानी के साथ में पदनिर्देश का सवाल भी बना सकते हैं ।

 

पदनिर्देश

पदनिर्देश को पदच्छेद, पदविन्यास और पदपरिचय सभी का अर्थ एक ही है । ये एक दूसरे के पर्यावाची शब्द हैं । ये आपको इसलिए जानना जरुरी है क्योंकि इस तरह के सवाल परीक्षा में पूछे जाते हैं । वहां पर आपको एक वाक्य दिया जाता है । और आपसे उस वाक्य का पदच्छेद पूछा जाता है ।

पदविन्यास बनाने का नियम क्या है ?

नियम – वाक्य के पदनिर्देश में प्रत्येक पद के प्रकार, लिंग, वचन, पुरुष, कारक आदि के विषय में बताना पड़ता है । एक वाक्य का पद निर्देश उदाहरण के लिए निचे दिए हैं । इसी के अनुसार आप भी पदनिर्देश करना आसानी से कर सकते हैं।

‘रामु ग्राउंड में खेलता है ।’

  • रामु – व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अन्य पुरुष और ‘खेलता है’ क्रिया का कर्त्ता ।
  • ग्राउंड – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अन्य पुरुष है और अधिकरण कारक ।
  • में – अधिकरण कारक की विभक्ति ।
  • खेलता है – क्रिया, सकर्मक, एकवचन, पुलिंग, अन्य पुरुष ।

 

Conclusion:

आपने इस आर्टिकल में Vakya Kise Kahate Hain (वाक्य किसे कहते हैं) देखा । वाक्य के दो भेद रचना की दृष्टि से और अर्थ की दृष्टि से देखा और इनके भी भेद पढ़ा । अब आपको अच्छे से ज्ञान हो गया है वाक्य के बारे में । आपको कैसा लगा ये आर्टिकल हमें जरूर बताएं । ये जानकारी अपने दोस्तों को भी शेयर करें धन्यवाद ।

 

FAQs

Q1. वाक्य किसे कहते हैं?

उत्तर- वाक्य शब्दों के उस समूह को कहा जाता है जिसका हमें अर्थ समझ में आ जाए।

Q2. अर्थ की दृष्टि से वाक्यों के कितनें भेद हैं?

उत्तर- अर्थ की दृष्टि से वाक्य के 8 भेद है: 1) निषेधवाचक , 2) आज्ञावाचक, 3) विधिवाचक, 4) प्रश्नवाचक, 5) विषमयबोधक, 6) इच्छावाचक, 7) संकेतवाचक और 8) संदेहवाचक वाक्य ।

Q3. मिश्र वाक्य का उदाहरण क्या है?

उत्तर- मिस्र वाक्य का उदाहरण है: राम बाजार गया और वहां एप्पल मोबाइल खरीदा

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