प्रकाश का प्रकीर्णन किसे कहते हैं | लॉर्ड रैले, प्रकीर्णन के उदाहरण | Scattering Of Light

प्रकाश का प्रकीर्णन किसे कहते हैं ? जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाता है तो प्रकाश का मार्ग अपने डायरेक्शन से चेंज हो जाता है । यानि अपने मार्ग से चारों तरफ बिखर जाता है, इसे ही प्रकाश का प्रकीर्णन कहते हैं । प्रकाश का कौन सा रंग सबसे अधिक और कौन सा रंग सबसे कम प्रकीर्णन होता है । प्रकीर्णन के उदाहरण क्या है ? रोड सिग्नल के लिए लाल रंग का प्रयोग क्यों किया जाता है ? इंद्रधनुष दिखने के क्या कारण है ? इन सब के बारे में विस्तार पूर्वक देखेंगे ।

प्रकाश का प्रकीर्णन किसे कहते हैं

प्रकाश का प्रकीर्णन किसे कहते हैं ?

  • जब प्रकाश किसी माध्यम से होकर गुजरता है तो उस माध्यम में मौजूद छोटे-छोटे कण जैसे की वर्षा की बूंदें, जल वाष्प, धूल, धुंए आदि कणों के कारण प्रकाश की दिशा चारों और फैल जाती है । प्रकाश की फैलने की प्रक्रिया सभी डायरेक्शन में अलग-अलग होती है । इस घटना को ही प्रकाश का प्रकीर्णन कहा जाता है । प्रकाश को तय करने के लिए किसी माध्यम की जरुरत नहीं होती है । इसलिए प्रकाश का प्रकीर्णन निर्वात या वैक्यूम में नहीं होती है ।

 

लॉर्ड रैले का नियम :

  • लॉर्ड रैले के नियम के मुताबिक कोई भी रंग का प्रकीर्णन उसकी तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करता है यानि जिस रंग का प्रकाश की तरंगदैर्ध्य सबसे कम होता है, उस रंग का प्रकीर्णन भी सबसे ज्यादा होगा । और जिस प्रकाश के रंग का तरंगदैर्ध्य सबसे ज्यादा होता है, उस रंग का प्रकीर्णन बहुत कम होता है ।

 

  • यही कारण है की सूर्य के प्रकाश में उपस्थित बैंगनीं रंग, जिसकी तरंगदैर्ध्य सबसे कम होने के कारण इसकी प्रकीर्णन सबसे अधिक तथा लाल रंग, जिसकी तरंगदैर्ध्य सबसे अधिक होती है इस वजह से इस रंग प्रकीर्णन सबसे कम होता है ।

 

  • इसी वजह से ही सड़कों पर सिग्नल के लिए भी लाल रंग का ही प्रयोग किया जाता है ।

 

  • प्रकाश का प्रकीर्णन की खोज सीवी रमन ने किया है ।

 

प्रकाश का प्रकीर्णन के उदाहरण

प्रकाश के प्रकीर्णन (Scattering of Light) के उदाहरण निम्न है:—

  • आकाश का रंग सूर्य के प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण नीला दिखाई देता है : जब सूर्य का प्रकाश जो की विभिन्न रंगों का मिश्रण है । वायुमंडल से होकर गुजरता है, तो वायु में उपस्थित विभिन्न अणुओं, धूल एवं धुंए के कणों द्वारा उसका प्रकीर्णन हो जाता है । दिन के समय जब सूर्य सीधा आकाश में मनुष्य के सर के ठीक ऊपर होता है तो मनुष्य केवल प्रकीर्णित प्रकाश को ही देख पता है । चूँकि बैंगनी रंग का प्रकीर्णन सबसे अधिक व लाल रंग का सबसे कम होता है । इसलिए प्रकीर्णित प्रकाश का मिश्रित रंग हल्का नीला हो जाता है । इसी वजह से आकाश का रंग नीला दिखाई देता है ।

 

  • सूर्य उगते व डूबते समय प्रकीर्णन के कारण ही लाल दिखाई देता है : जब सूर्य उगता है या डूबता है, तो उसके प्रकाश को हम तक पहुंचने में वायुमंडल के धूल आदि कणों से होकर अधिक दुरी तय करनी पड़ती है । जिससे उसका इन कणों से प्रकीर्णन हो जाता है । चूँकि अन्य रंगों की तुलना में लाल रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे कम होता है । अतः हम तक पहुँचाने वाले प्रकाश में लाल रंग का आधिक्य रहता है । जिसके कारण सूर्य उगते व डूबते समय लाल दिखयी देता है ।

 

  • दोपहर सूर्य सफेद दिखना : जब सूर्य दिन के समय सर के ऊपर होता है तो प्रकाश को वायुमंडल में कम दुरी तय करनी पड़ती है जिससे प्रकीर्णन कम होता है, व सूर्य सफेद दिखाई देती है ।

 

  • समुंदर का पानी नीला दिखना : समुद्र का पानी भी प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण नीला दिखाई देता है ।

 

  • इंद्रधनुष : इंद्रधनुष का दिखाई देना भी प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण होता है ।

 

निष्कर्ष

अब आप अच्छे से जान गए हैं की प्रकाश का प्रकीर्णन किसे कहते हैं? इस लेख के द्वारा हमने लार्ड रैले के नियम, प्रकाश के प्रकीर्णन के उदाहरण को भी अच्छे से पढ़ा । उम्मीद है इस जानकारी को पढ़कर आपको कुछ हेल्प मिला होगा । हम आशा करते हैं अब आप प्रकाश के प्रकीर्णन को कभी नहीं भूलेंगे । आपको आपका मंजिल जल्द मिले । धन्यवाद !

 

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FAQs 

Q1. प्रकाश के प्रकीर्णन की खोज किसने की थी?

उत्तर→ डॉ. सीवी रमन ने 1928 में करा था ।

 

Q2. सबसे ज्यादा प्रकीर्णन किसका होता है?

उत्तर→ प्रकाश का सबसे ज्यादा प्रकीर्णन बैंगनी रंग का होता है ।

 

Q3. किस रंग का सबसे कम प्रकीर्णन किसका होता है?

उत्तर→ लाल रंग का सबसे कम प्रकीर्णन होता है ।

 

Q4. प्रकाश की प्रकीर्णन की घटना कहाँ होता है?

उत्तर→ प्रकाश की प्रकीर्णन की घटना दो माध्यम के बिच होता है ।

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