इस लेख में हम पढ़ेंगे अव्यय किसे कहते हैं ? अव्यय के पांच भेद, इनके परिभाषा और उदहारण सहित विस्तार से पढ़ेंगे । यदि आप किसी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहें हैं तब यह लेख आपके लिए समझने में बहुत आसानी होगी । अव्यय पढ़ने से पहले कुछ महत्त्वपूर्ण बिंदु देख लेते हैं ।
जैसे :
- विकार माने परिवर्तन या फिर बदलाव और
- अविकारी माने जिसका बदलाव न हो ।
जिस प्रकार विकार का मतलब होता है परिवर्तन या बदलाव उसी तरह से अविकारी का मतलब हुआ जिसका बदलाव ना हो यानि कोई परिवर्तन ना हो ।
इसी प्रकार से,
- व्यय = खर्च
- अव्यय = जो खर्च ना हो ।
यानि की व्यय का अर्थ होता है खर्च होना तो अव्यय का अर्थ बना जो खर्च न हो या जो बदले नहीं । ऐसे ही शब्द अव्यय या अविकारी होते हैं । अब आप थोड़ा बहुत तो समझ गए होंगे अब विस्तार से समझें ।
अव्यय किसे कहते हैं
ऐसे शब्द जो लिंग, वचन और काल की दृस्टि से नहीं बदलते हैं, वैसे शब्द को अव्यय कहते हैं । जैसे- राधा धीरे-धीरे जाती है । उसने बहुत बड़ा गाड़ी खरीदा है । यहाँ वाक्य में ‘धीरे-धीरे’ और ‘बहुत’ अव्यय हैं ।
आप समझे की नहीं, तो चलिए इसको और डिटेल में समझते हैं । एक वाक्य लेते हैं :
1. वह यहाँ पढता है । ( पुल्लिंग )
- इस वाक्य में लिंग चेंज करके देखतें हैं
लिंग पुल्लिंग स्त्रीलिंग
- वह यहाँ पढ़ती है । ( स्त्रीलिंग )
- अब वचन चेंज करके देखते हैं ।
वचन एकवचन बहुवचन
- वह यहाँ पढता है । ( एकवचन )
- वे लोग यहाँ पढ़ते हैं । ( बहुवचन )
- इसको अब काल में चेंज करके देखते हैं ।
काल भूतकाल वर्तमान काल भविष्यत काल
- मुकेश यहाँ पढता था । ( भूतकाल )
- मुकेश यहाँ पढ़ रहा है । ( वर्तमान काल )
- मुकेश यहाँ पढ़ेगा । ( भविष्यत काल )
यहाँ हमने सारे लिंग, वचन और काल को बदल-बदल के देखा । आप क्या देखते हैं सारे वाक्य में सब कुछ बदल गए पर एक चीज ज्यों-का-त्यों रहा । यानि इस शब्द में कोई चेंज नहीं हुआ और ये शब्द है ‘यहाँ’ ऐसे शब्द को ही अव्यय या अविकारी शब्द बोलते हैं ।
यानि कि वाक्य के अव्यय को लिंग, वचन या फिर काल पर कोई फर्क नहीं पड़ता है । जैसा था वैसा ही रहता है ।
अव्यय के कितने भेद होते हैं ?
अव्यय के 5 भेद हैं :
- संबंधबोधक अव्यय
- समुच्चयबोधक अव्यय
- विस्मयादिबोधक अव्यय
- निपात अव्यय
- क्रियाविशेषण अव्यय
1. संबंधबोधक अव्यय
संबंधबोधक अव्यय किसे कहते हैं ?
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम के बाद में आकर उसका सम्बन्ध कोई दूसरे शब्द से बताता है, उसको संबंधबोधक अव्यय कहते हैं । जैसे- आगे, पीछे, बिना, तक आदि । लेकिन एक बात याद रखें ऐसे भी वाक्य होंगे जिसमें ये शब्द नहीं होगा ।
हम यहाँ एक वाक्य को देखतें हैं :
- वह मेरा बड़े भाई है ।
इस वाक्य में कोई भी अव्यय नहीं है ।
संबंधबोधक अव्यय में कुछ खास तरह के शब्द भी आते हैं । जैसे- के आगे, के बाद, के निचे, के बाएं, के दाएं, की और, से पहले आदि ।
संबंधबोधक अव्यय उदाहरण :
- राम सोहन से आगे है ।
- सुनीता दिवार के ऊपर बैठा है ।
- जंगल के पीछे एक नदी है ।
- भारत के सभी नदी का पानी पूर्व की ओर बहती है ।
- मैं गेट खुलने से पहले स्कूल पहुंचा था ।
2. समुच्चयबोधक अव्यय
समुच्चयबोधक अव्यय किसे कहते हैं ?
दो वाक्यों या दो शब्दों को जोड़ने वाले शब्द को समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं । जैसे- और, अथवा, एवं, अगर, परन्तु, क्योंकि, लेकिन, की, बल्कि, तथा आदि ।
समुच्चयबोधक अव्यय के 10 उदाहरण :
- सोनक्षी पढ़ रही है और काजल खेल रही है ।
- मितली और सिमरन खेल रही है ।
- छात्र जीवन अच्छा है क्योंकि बहुत कुछ सिखने को मिलता है ।
- राहुल ने कहा कि वह कल का मैच नहीं खेलेगा ।
- शिष्य बीमार था लेकिन स्कूल चला गया ।
- सिद्धू तथा कपिल अच्छी कलाकार है ।
- मोहित स्कूल जाता है ताकि एक दिन डॉक्टर बन सके ।
- राम अथवा लक्ष्मण को बाजार जाना है ।
- कोहली का शॉट अच्छा था परन्तु दुरी नहीं थी ।
- मैंने अव्यय अच्छे से पढ़ा और याद कर लिया ।
यहाँ आपने और, क्योंकि, कि, लेकिन और तथा देखा जो दो वाक्यों को जोड़ रहे हैं ।
नोट: समुच्चयबोधक अव्यय में जोड़ने वाले शब्द को हम संयोजक और अलग करने वाले शब्द को विभाजक कहते हैं ।
समुच्चयबोधक अव्यय के भेद
समुच्चयबोधक अव्यय के 2 भेद हैं :
- समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय और
- व्याधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
a〉 समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय में और, तथा, एवं, या आदि शब्द आते हैं । इसमें वाक्यों या शब्दों को समान रूप से जोड़ा जा रहे हो, उसे समानाधिकरण अव्यय कहते हैं ।
समानाधिकरण समुच्चयबोधक के उदाहरण :
-
- पूजा और पूनम दौड़ रहे हैं ।
- अजय समान लाने गया है तथा छोटे खेल रहा है ।
b〉 व्याधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
व्याधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय में जो वाक्य या शब्दों को समान रूप से ना बांटें ऐसे शब्द व्याधिकरण अव्यय कहलाते हैं । इसमें यद्यपि, क्योंकि, कि, ताकि आदि शब्द आतें हैं ।
व्याधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण :
-
- राधा नहीं गयी क्योंकि वह कल जाकर आयी है ।
- रानी ने बताया कि उसकी जन्मदिन जनवरी में हैं ।
- वो बोल दिया था ताकि किसी को बुरा ना लगे ।
यहाँ आप दोनों समानाधिकरण और व्यधिकरण के वाक्य को देखेंगे तो आपको समानाधिकरण में पूरा-पूरा वाक्य देखने को मिलेंगे। जबकि व्याधिकरण में एक वाक्य अधूरा है। इसी से आप इन दोनों अव्ययों को पहचान सकते हैं ।
3. विस्मयादिबोधक अव्यय
विस्मयादिबोधक अव्यय किसे कहते हैं ?
विस्मयादिबोधक में ऐसे शब्द आते हैं जिसमें ख़ुशी, हैरानी, घृणा, दुःख, डर आदि प्रकट होते हैं। इस तरह के शब्द विस्मयादिबोधक अव्यय कहलाते हैं। जैसे- ओह, वाह, अरे, हाय, छिः आदि ।
विस्मयादिबोधक अव्यय के उदाहरण :
- छिः ! कितनी गंदगी है ।
- वाह ! कितनी सुन्दर फूल है ।
- काश ! मेरे नानी हमारे बिच होती ।
- ऐ ! किधर जा रहा है ।
ये विस्मयादिबोधक अव्यय को कैसे पहचाने ?
विस्मयादिबोधक वाक्य में आपको विस्मयादिबोधक चिह्न ( ! ) दिखाई देंगे या रहता है ।
4. निपात अव्यय
निपात किसे कहते हैं ये समझने से पहले हम यहाँ पर दो वाक्य को देखते हैं :
- सिद्धर्थ टहल रहा है।
- सिद्धार्थ ही टहल रहा है।
आप इन दोनों वाक्यों में क्या अंतर देख पा रहे हैं यहाँ पर फर्क है ‘ही’ का । जो शब्द में जोर/बल भर रहा है कि सिद्धार्थ के अलावा कोई दूसरा नहीं है ।
इसलिए निपात वाक्य में विशेष प्रकार का बल भरने के लिए कुछ शब्दों का प्रयोग किया जाता है, उसे ही निपात कहते हैं। जैसे- ही, भी, तक, केवल, सिर्फ, मात्र आदि ।
निपात अव्यय के उदाहरण :
- लक्ष्मण भी पढ़ रहा है ।
- मेरे पास केवल दो दिन का खाना है ।
- गाँधी जी केवल एक गोलमेज सम्मेलन में भाग लिए थे ।
- आपको घर जाना ही पड़ेगा ।
- गाड़ी छूटने वाला ही था ।
- उसने मात्र 5 रुपया बताया ।
ऐसे शब्द जो किसी वाक्य में विशेष बल भर रहे हैं उसको ही निपात कहा जाता है । अब मैं आशा कर सकता हूँ कि आपको पूरी तरह से अव्यय समझ में आ गया है । तो क्या कुछ प्रश्न का हल बता सकते हैं ।
यहाँ पर दो सवाल है, इसको पहले बनाने की कोशिश करें । इसका उत्तर आपको निचे में मिल जायेगा ।
Q1. हाय ! नरेंद्र मोदी तो अमेरिका चला गया ।
यहाँ पर इस वाक्य में दो अव्यय है। आपको बताना है कि कौन-सा निपात अव्यय है और कौन-सा विस्मयादिबोधक अव्यय है।
अगर आप सही-सही बता देते हैं तो मैं समझूंगा आपको अच्छी तरह से समझ आ गया है ।
Q2. इन दो वाक्यों में कौन-सा अव्यय भेद है ? आपको भेद का नाम बताना है।
- शाबाश ! बहुत बढ़िया गिफ्ट दिया है ।
- अच्छी शिक्षा देना यह काम केजरीवाल सरकार ही कर सकता है ।
5. क्रियाविशेषण अव्यय
क्रियाविशेषण अव्यय किसे कहते हैं ?
जिन अव्यय शब्द से क्रिया की विशेषता प्रकट होती है, उसे क्रियाविशेषण कहते हैं । जैसे- वह तेज फेंकता है । आप कहाँ जा रहे हो ।
यहाँ पर तेज और कहाँ क्रमशः फेंकना और जाना क्रिया की विशेषता बता रहा है।
पूरी जानकारी के लिए क्रियाविशेषण टॉपिक यहाँ से पढ़ें ।
निष्कर्ष
आपने इस आर्टिकल में अव्यय किसे कहते हैं जाना। अव्यय के भेद संबंधबोधक अव्यय, समुच्चयबोधक अव्यय, विस्मयादिबोधक अव्यय, निपात और क्रियाविशेषण अव्यय को उदाहरण सहित देखा। हम आशा करते हैं इस लेख से आपको अव्यय समझने में आसानी हुई होगी । धन्यवाद !
FAQs
Q1. अव्यय का अर्थ क्या है?
उत्तर- अव्यय के अर्थ है जो व्यय न हो या खर्च ना हो यानि की वो बदले नहीं ।
Q2. अव्यय का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर- अव्यय का दूसरा नाम अविकारी है। मतलब जिस शब्द का बदलाव ना हो ।
Q3. अव्यय के कितने भेद हैं ?
उत्तर- अव्यय के पांच भेद हैं ।
Q4. संबंधबोधक अव्यय क्या होते हैं?
उत्तर- संबंधबोधक अव्यय दो शब्दों या दो वाक्यों को जोड़ने का काम करता है। जैसे- राम के साथ श्याम आया ।
Q5. अचानक कौन सा अव्यय है?
उत्तर- रीतिवाचक अव्यय है ।
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Q1.उत्तर :—
- निपात → तो और
- विस्मयादिबोधक → हाय !
Q2.उत्तर :—
- A→ विस्मयादिबोधक अव्यय
- B→ निपात अव्यय